बच्चों को स्तनपान कराने वाली महिला ब्लड डोनेट नहीं कर सकती।
हिमोग्लोबिन 5 प्रतिशत से कम होने पर रक्तदान नहीं दिया जाता है।
जिन्हें आगे आने वाले 12 घंटों में लंबी यात्रा, वायु यात्रा करनी हो या किसी तरह का भारी काम करना हो।
श्वास की बीमारी जैसे लगातार खांसी, जुखाम, गला खराब, या लंबे समय से एंटीबायोटिक ले रहे हों या अस्थमा के मरीज जो स्टीरइड ले रहे हों।
किसी तरह का कोई मेजर/ माइनर ऑपरेशन हुआ हो।
हृदय रोगी जो एंजाइना, ब्लॉकेज के मरीज हो।
अंत:स्रावी ग्रंथियों के रोगियों से रक्त नहीं लिया जाता।
डायबिटीज के रोगी जो इंसुलिन लेते हो।
किडनी, पाचनतंत्र के रोगी रक्तनदान नहीं कर सकते।
हेपेटाइटिस, एचआईवी एड्स, सिफिलिस, टीबीआदि के रोगी रक्त दान नहीं कर सकते।
बेहोशी या मिर्गी आती हो, या जो पिछले 3 वर्षो में पीलिया हुआ हो।
जो एस्प्रीन, एन्टीथायरॉइड, एन्टीबायोटिक, स्टीरइड आदि दवाइयां ले रहे हों।
वह महिलाएं जो पिछले 6 महीनों में गर्भवती हुई हो।
ब्लड डोनेट करने वालों को कैंसर होने का खतरा बहुत कम होता है।
दिल से जुड़ी बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है।
हार्ट अटैक आने की आशंका भी कम हो जाती है।
इससे कैलोरी भी होती है वजन कंट्रोल कर सकते हैं।
शरीर में अतिरिक्त आयरन को जमने से रोकता है।
रक्तदान पूरी तरह सुरक्षित है और इससे आपकी सेहत को कोई नुकसान नहीं होगा। रक्तदान से कई लोगों का जीवन बचाया जा सकता है। बहुत से लोग यह समझते हैं कि रक्तदान से शरीर कमज़ोर हो जाता है, और उस रक्त की भरपाई होने में महीनों लग जाते हैं। लोगों में यह गलतफहमी भी है कि नियमित ख़ून देने से लोगों की रोग से लड़ने की क्षमता कम होती है और उसे बीमारियां जल्दी होती हैं। यह भ्रम इस कदर है कि लोग रक्तदान का नाम सुनकर ही डर जाते हैं। विश्व रक्तदान दिवस समाज में रक्तदान को लेकर गलतफहमी को दूर करने का और रक्तदान को बढ़ावा का काम करता है।