प्रकरण बुधवार का ब्रोचा हॉस्टल का है। एक वरिष्ठ प्रोफेसर जो एक छात्रावास के वार्डेन भी हैं के ससुर जिनकी सरसुंदर लाल चिकित्सालय में इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके बाद वार्डेन शव को लेकर हॉस्टल पहुंचे और उसे कॉमन रूम में रख कर ताला लगा दिया। रात में जब हॉस्टल के छात्र आईपीएल मैच देखने के लिए कॉमन रूम पहुंचे तो वहां ताला लटकता देख उन्होंने वार्डेन की तलाश शुरू की। वार्डेन आए जरूर तो लेकिन उन्होंने ताला खोलने से इंकार कर दिया। छात्रों के जोर देने पर उन्होंने कहा कि कॉमन रूम में शव रखा है। इतना सुनते ही छात्रों के होश उड़ गए। उन्होंने यह जानना चाहा कि कॉमन रूम में शव कहां से आया। माकूल जवाब न मिलने पर उन्हें संदेश हुआ तो चीफ प्रॉक्टर प्रो. रोयाना सिंह को फोन कर घटना की सूचना दी। रात करीब सवा नौ बजे प्रो. सिंह मौके पर पहुंचीं और वार्डेन से बात की तो पता चला कि कॉमन रूम में रखा शव वार्डेन के ससुर का है। इस पर चीफ प्रॉक्टर ने शव को मर्चरी में रखने को कहा लेकिन वार्डेन ने इंकार कर दिया। वार्डेन के इंकार करने के बाद वह वहां से यह कहते हुए चली गईं कि घटना की जानकारी उच्चाधिकारियों को देंगी।
उधर इस घटना की सूचना पूरे परिसर में फैल गई। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार इसे दबाने में जुटा रहा। इस बाबत जब पत्रिका ने चीफ प्रॉक्टर को फोन किया तो पहले तो पूरी घंटी गई लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ। थोड़ी देर बाद चीफ प्रॉक्टर ने कॉलबैक किया। उन्होंने घटना की पुष्टि की। साथ ही बताया कि गुरुवार को दिन में कॉमन रूम से शव को निकाल दिया गया है। शाम करीब 3.30 बजे अंतिम संस्कार भी हो गई। इस घटना के बाबत वार्डेन के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि उच्चाधिकारियों को घटना से अवगत करा दिया है। कार्रवाई के बाबत उन्हें कोई जानकारी नहीं है।