6 साल बाद आखिर हुई छात्रों की जीत, BHU केंद्रीय लाइब्रेरी में अब रात को भी पढ़ाई की सुविधा बहाल, पूर्व कुलपति जीसी त्रिपाठी ने लगाई थी रोक
आखिरकार छात्रों की जीत हुई। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के नए कुलपति प्रो सुधीर जैन ने BHU केंद्रीय ग्रंथालय को रात भर खोलने का निर्णय किया है। इसकी जानकारी बाकायदा विश्वविद्यालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से दी गई है। विश्वविद्याय के छात्रों में खुशी की लहर है। साथ ही पूर्व छात्र भी इस निर्णय से खासे प्रसन्न हैं जिन्होंने इसके लिए लंबी लड़ाई लड़ी। यहां तक कि उन्हें निलंबित भी किया गया।
वाराणसी. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) प्रशासन ने छात्रहित में बड़ा फैसला लिया है। लंबी लड़ाई के बाद छात्रों की पढ़ाई के लिए अब विश्वविद्यालय का केंद्रीय ग्रंथागार (central library) अब रात में भी खुलेगी। यह निर्णय कुलपति प्रो सुधीर जैन ने लिया है। इसकी जानकारी विश्वविद्यालय के अधिकृत ट्विटर हैंडल पर दी गई है।
बीएचयू VC का फैसला बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के ट्विटर हैंडल पर बताया गया है कि,”छात्र हित में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय द्वारा एक अहम निर्णय लिया गया है। इसके तहत #BHU स्थित सयाजीराव गायकवाड केन्द्रीय ग्रंथालय का साइबर लाइब्रेरी स्टडी सेंटर 28 मार्च 2022 से हर कार्य दिवस में विद्यार्थियों के अध्ययन के लिए प्रातः 08.00 बजे से प्रातः 05.00 बजे तक खोला जायेगा।”
पूर्व कुलपति डॉ लालजी सिंह ने छात्रों को दी थी ये सुविधा बीएचयू में साइबर लाइब्रेरी की शुरुआत पूर्व कुलपति स्व. डॉ लालजी सिंह के कार्यकाल में हुई थी। छात्र-छात्राओं को शिक्षा का बेहतर वातावरण देने के उद्देश्य से ये सुविधा शुरू की गई थी, ताकि कैंपस हॉस्टल और बाहर रहने वाले छात्र 24 घंटे वातानुकूलित और इंटरनेट युक्त माहौल में पढ़ पाएं। उनके कार्यकाल में यह लाइब्रेरी सुबह 8 बजे खुलती थी और फिर सुबह 5 बजे (3 घंटे साफ सफाई के लिए) बंद की जाती थी।
कुलपति प्रो जीसी त्रिपाठी ने रात को बंद कराई ये सुविधा लेकिन डॉ सिंह का कार्यकाल पूर्ण होने के बाद आए कुलपति प्रोफेसर जी.सी त्रिपाठी ने इस लाइब्रेरी में रात्रिकालीन अध्ययन सुविधा को छीन कर महज 12 घंटे के लिए ही साइबर लाइब्रेरी खोलने का नियम बना दिया। छात्रों ने प्रो त्रिपाठी से जब समय बढ़ाने की मांग की तो वो उलजुलूल तर्क देते थे। उनका तर्क था कि लड़कियों को रात में बाहर निकलने की अनुमति नही हैं। रात में अच्छे छात्र पढ़ाई नही करते।
2016 में छात्रों ने किया बड़ा आंदोलन 2016 में 24 घंटे लाइब्रेरी की मांग को लेकर छात्रों और शोध छात्रों ने बड़ा और शांतिपूर्ण आंदोलन छेड़ा। लेकिन लाइब्रेरी का समय तो नहीं बदला उल्टे आंदोलन करने वाले 9 छात्रों को जिसमें बीएचयू वीसी ने निलंबित कर दिया। न केवल निलंबित किया बल्कि प्रशासन से मिल कर उन्हें जेल भिजवा दिया। छात्रों का निलंबन 2017 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से निरस्त हुआ। कोर्ट ने तब विश्वविद्यालय प्रशासन को फटकार भी लगाई थी। 2017 में ही जीसी त्रिपाठी को उनके महिला विरोधी रवैया के बाद छात्राओं ने आंदोलन किया। विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर धरना दिया। बाद में छात्राओं का ये आंदोलन हिंसक बन गया। आगजनी और फायरिंग हुई जिसके चलते केंद्र सरकार ने प्रो त्रिपाठी को फोर्स लीव पर भेज दिया। इस फोर्स लीव के बीच ही उनका कार्यकाल पूरा हो गया।
प्रो भटनागर ने भी नहीं बहाल की 24 घंटे लाइब्रेरी की सुविधा प्रो त्रिपाठी के बाद जेएनयू से आए अगले कुलपति प्रो राकेश भटनागर से भी छात्रों ने 24 घंटे लाइब्रेरी सुविधा बहाल करने की मांग की पर प्रो भटनागर के कार्यकाल में भी ये काम नहीं हो सका।
प्रो जैन ने ली सुधि और लाइब्रेरी को 24 घंटे खोलने का निर्णय सुनाया अब विश्वविद्यालय के नए वीसी प्रोफेसर सुधीर कुमार जैन ने छात्रों की मांग को मान लिया है और साइबर लाइब्रेरी को पुनः सुबह 8 बजे से सुबह 5 बजे तक खोलने का निर्णय लिया है। ऐसे में बीएचयू के सभी छात्रों ने कुलपति के इस निर्णय का ऐसे स्वागत किया है।
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