मशीन को बनाने वाले गौरव बताते हैं की यह अल्ट्रावायलेट किरणों से कोरोना के वायरस को मार देगी। यह मशीन सी कैटोगरी की अल्ट्रावायलेट किरणें छोड़ती हैं। कोई भी वायरस इसमें 10 से 15 मिनट तक जिंदा नहीं रह सकता। इस मशीन में एक पंखा भी लगा है जो वायरस को रोटेट करके किरणों के नजदीक लाने का काम करता है। बीएचयू आईआईटी के प्रोफेसर डॉ. पी के मिश्रा ने बताया कि इस मशीन को बड़े पैमाने पर मार्केट में लाने के लिए पहल की जा रही है। यह कम लागत में इजाद की हुई एक बढ़िया मशीन है, जिसे डॉक्टर, पुलिस विभाग, सफाई विभाग अपने कर्मचारियों को इस संक्रमण के खतरे से बचाने में मददगार साबित होंगे। निश्चित ही यह मशीन कारगर है।