छात्राओं की सुरक्षा और हॉस्टल के नियमों को लेकर था उहापोह दरअसल विश्वविद्यालय प्रशासन ने दो दिन पहले सेंट्रल लाइब्रेरी स्थित साइबर स्टडी सेंटर में रात्रिकाली अध्ययन की सुविधा बहाल करने का निर्णय तो ले लिया था। बीएचयू के अधिकृत ट्विटर एकाउंट के जरिए सभी को सूचित भी किया गया था। उसके बाद ये सवाल उठने लगा कि साइबर स्टडी सेंटर में देर रात तक अध्ययन के बाद छात्राएं अपने हॉस्टल कैसे पहुंचेंगी। उनकी सुरक्षा के क्या इंतजाम होंगे। कुछ छात्र परिसर में विश्वविद्यालय प्रशान की ओर से बस चलाने की मांग उठाने लगे थे। ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन ने इन मुद्दों को गंभीरता से लेते हुए बैठक करने का निर्णय किया है।
इस संबंध में विश्वविद्यालय के पीआरओ डॉ राजेश सिंह ने पत्रिका को बताया कि साइबर स्टडी सेंटर में अध्ययन करने वाली छात्राओं की सुरक्षा का बड़ा सवाल है। साथ ही फिलहाल सभी गर्ल्स हॉस्टल में छात्राओं की वापसी के लिए समय निर्धारित है। ऐेसे में विश्वविद्यालय प्रशासन ने फैसला किया है कि महिला संकाय सदस्यों, महिला छात्रावासों के संरक्षक, विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों और स्टडी सेटर में अध्ययन करने वाली कुछ छात्राओं संग बैठक कर सर्वमान्य हल निकाला जाएगा। डॉ सिंह ने बताया कि छात्राओं की सुरक्षा सबसे बड़ा मुद्दा है साथ ही महिला छात्रावासों की नियमावली के पालन का भी मसला है। इसी सोच के साथ ये बैठक होगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का छात्र हो या छात्राएं सभी को साइबर स्टडी सेंटर की सुविधा मिलेगी इसमें किसी के साथ कोई भेदभाव का सवाल ही नहीं है।
बीएचयू प्रशासन की चिंता छात्राओं की सुरक्षा और छात्रावासों की नियमवली बीएचयू प्रशासन ने तय किया है कि देर रात तक साइबर लाइब्रेरी में अध्ययन करने वाली छात्रों की हॉस्टल वापसी के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर खास इंतजाम किए जाएंगे। विश्वविद्यालय ये सुनिश्चित करेगा कि साइबर स्टडी सेंटर में देर रात तक पढ़ाई करने के बाद छात्राएं सुरक्षित तरीके से अपने छात्रावास तक पहुंच सकें।