भेलूपुर थाना प्रभारी राजीव रंजन उपाध्याय अपनी टीम के साथ अस्सी क्षेत्र में वाहनों की चेकिंग कर रहे थे इसी बीच एक युवक नई बुलेट से आता हुआ दिखायी दिया। बुलेट के नम्बर प्लेट पर एक कागज की पर्ची चिपकी हुई थी जिस पर लिखा था कि आई त लिखाई(नम्बर आने पर लिखा जायेगा)। इस पर थाना प्रभारी ने नम्बर प्लेट को देख कर आपत्ति जतायी। थाना प्रभारी ने कहा कि बना नम्बर लिखे हुए बुलेट क्यों चला रहे हैं इस पर युवक ने रौब दिखाते हुए कहा कि अभी पंजीकरण करके नम्बर नहीं आया है और जब नम्बर आयेगा तो उसे लिखवायेंगे। इतना सुनते ही थाना प्रभारी का पारा चढ़ गया और उन्होंने गाड़ी को सीज करने को कहा। इस पर युवक ने कई लोगों को फोन कर गाड़ी छुड़वाने की पैरवी करने को कहा। इसके बाद थाना प्रभारी के नम्बर पर कई लोगों के फोन आये और गाड़ी छोडऩे के लिए कहने लगे। राजीव रंजन उपाध्याय ने किसी की नहीं सुनी। थाना प्रभारी ने कहा कि जब नम्बर आई तब गाड़ी थाने से जाई(नम्बर आने पर उसे वाहन पर लिखवाने के बाद ही गाड़ी छोड़ी जायेगी)। इसके बाद थाना प्रभारी ने बुलेट को सीज कर थाने भेज दिया।
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