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वाराणसी

बनारस की बेटी श्रुति, रेक्स कर्मवीर चक्र सम्मान के लिए चुनी गईं

दो दशक से जुटी हैं बाल मृत्यु दर घटाने और गर्भवती मां का जीवन बचाने मेंदलितों, अल्पसंख्यक व महिलावो के अधिकार के लिए लगातार रहीं संघर्षशील

वाराणसीAug 27, 2019 / 11:59 am

Ajay Chaturvedi

श्रुति नागवंशी

श्रुति नागवंशी

वाराणसी. इस कठिन प्रतिष्पर्धा के दौर में जहां हर इंसान केवल अपने बारे में, अपनी उपलब्धि के बारे में सोचता है वहां एक महिला अपने प्राकृतिक गुण को ही अपना पेशा बनाती हैं और जुट जाती है मानव सेवा में। उसके जीवन का उद्देश्य हो जाता है कैसे नवजात शिशु को बचाया जाए, कैसे गर्भवती मताओं के जीवन की रक्षा की जाए। ऐसा क्या किया जाए कि दोनों की सेहत बेहतर हो। और इस कार्य में वह पिछले 20 साल से लगी हैं। ऐसे शख्स को आखिर कौन सा समाज नजरंदाज कर सकता है। ऐसी ही हैं यह बनारस की बेटी श्रुति नागवंशी, जिन्हें रेक्स कर्मवीर चक्र (सिल्वर) सम्मान के लिए चुना गया है। आगामी 25 से 27 नवंबर तक नई दिल्ली में आयोजित समारोह में उन्हें यह सम्मान दिया जाएगा। इस मौके पर श्रुति ने पत्रिका को बताया कि मदर टरेसा उनका आदर्श है और वह उन्हीं के दिखाए रास्ते पर चलना चाहती हैं, गरीबों, मजलूमों, निराश्रितों, महिलाओं, अबोध बच्चों की सेवा ही उनका धर्म है।
बता दें कि श्रुति मानवाधिकार जन निगरानी समिति एवं जन मित्र न्यास के मैनेजिंग ट्रस्टी हैं। वह बिना थके, बिना रुके लगातार 20 साल से बाल मृत्यु और गर्भवती मां के जीवन रक्षण के कार्य में जुटी हैं। वह लगातार दलितों, अल्पसंख्यकों और महिलाओँ के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्षरत हैं। यहां यह भी बता दें कि श्रुति अब देश की उन 100 महिलाओं की श्रेणी में में शामिल हो जाएंगी जिन्हें इसी तरह के अपने अभियान और समाज सेवा के लिए राष्ट्रपति पहले ही सम्मानित कर चुके हैं। उन सब को रेक्स कर्मवीर चक्र (कांस्य) के साथ उस्मानिया सम्मान से भी सम्मानित किया गया है।
अभी हाल में सरकार द्वारा बाल शोषण के खिलाफ चलाए जा रहे “कवच” अभियान में जन मित्र न्यास ने 177 स्कूल व कालेज में 70278 बच्चे और बच्चियों को जागरुक किया है। बता दें कि टाटा ट्रस्ट की मदद से संघटन वाराणसी के 20 मदरसों में 5271 बच्चे-बच्चियों को आधुनिक शिक्षा दे रहा है। इन मदरसों में लाइब्रेरी की सुविधा मुहैया कराई गई है, जहां 7000 किताबे जन मित्र न्यास ने दी हैं। स्वीडन की पारुल शरमा के मदद से 130 बच्चियों को स्कॉलरशिप दी जा रही है।
श्रुति ने न्यूज़ीलैण्ड दूतावास की मदद से 20 गावो में किचेन गार्डन बनाया है, जहा दलितों ने पहली बार 10 हजार क्विंटल सब्जी पैदा की जिसे छत्तीसगढ़ के मुख्मंत्री अपने राज्य में लागू करने की घोषणा कर चुके हैं।
श्रुति, जय कुमार मिश्र और लेनिन की मदद से देश की एक बड़ी और नामचीन चाल निर्माता कंपनी के साथ मिलकर सोशल बिज़नस के तहत 11 जिले के गांवो के 90 नवयुवको को रोजगार मुह्हैया कराया है। इससे पूर्व जन मित्र न्यास पंजाब नेशनल बैंक के साथ मिलकर 780 रिक्शावालो को रिक्शे का मालिक भी बनाया है।
बनारस के पूर्व कमिश्नर व प्रमुख सचिव नगर विकास नितिन गोकरण, तबला वादक प्रभाष महाराज, ओडिशा के राजनेता सरत पटनायक व समाजसेवी रंजन कुमार मोहंती, मुंबई के राहुल बागे, हैदराबाद के मानवाधिकार .कार्यकर्ता नरेंद्र एवं अमेरिका में सक्रिय नेपाल के मानवाधिकार कार्यकर्ता सूर्या आदि सहित सैकड़ो लोगो ने श्रुति की उपलब्धि पर बधाई दी है।

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