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वाराणसी

मायावती के उमाकांत यादव को गिरफ्तार कराते ही बाहुबली रमाकांत यादव ने उठाया था यह कदम

बसपा सुप्रीमो व रमाकांत यादव के बिगड़े गये संबंध, पूर्वांचल में आज भी कायम है इस यादव परिवार का जलवा

वाराणसीOct 17, 2019 / 01:00 pm

Devesh Singh

Bahubali Ramakant Yadav and Umakant Yadav

Bahubali Ramakant Yadav and Umakant Yadav

वाराणसी. पूर्वांचल में बाहुबली रमाकांत व उमाकांत यादव का जलवा आज भी कायम है। दोनों भाई बाहुबली है और दर्जनों मुकदमे भी दर्ज हैं इसके बाद भी सभी राजनीतिक दलों ने बाहुबली भाईयों को टिकट देकर चुनाव में अपना परचम फहराया था। संसदीय चुनाव 2014 में बीजेपी ने मुलायम सिंह यादव को पटखनी देने के लिए बाहुबली रमाकांत यादव को आजमगढ़ से टिकट दिया था। चुनाव में विजय पाने के लिए मुलायम सिंह यादव का अपना पूरा परिवार उतारना पड़ा था।
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मुलायम सिंह यादव को चुनौती देने के बाद भी रमाकांत यादव की हैसियत कम नहीं हुई थी इसके चलते ही अखिलेश यादव ने रमाकंात यादव को सपा में शामिल कर निरहुआ को तगड़ा झटका दिया है। इससे साफ हो जाता है कि पूर्वांचल की राजनीति में आज भी बाहुबली यादव बंधु का जलवा कायम है। जानकारों की माने तो रमाकांत यादव से अधिक तेवर वाले उनके भाई उमाकांत यादव है। दोनों भाईयों में गजब का तालेमल देखने को मिलता है। वर्ष 2007 में उमाकांत यादव मछलीशहर से सांसद थे और उनके उपर एक घर पर कब्जा करने का आरोप लगा था इसके बाद यूपी की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने उमाकांत यादव को सीएम आवास पर मिलने के लिए बुलाया था। उमाकांत यादव जब सीएम आवास पर मिलने गये थे तो आवास के बाहर ही मायावती ने जमीन कब्जा करने के आरोप में उमाकांत यादव को गिरफ्तार करा दिया था। इस घटना के बाद मायावती की बाहुबलियों पर कार्रवाई को लेकर छवि मजबूत हुई थी। गिरफ्तारी के बाद काफी समय तक उमाकांत यादव जेल में रहे थे। भाई की गिरफ्तारी की जानकारी मिलते ही बाहुबली रमाकांत यादव ने बसपा पार्टी छोड़ दी थी। मायावती व उमाकांत यादव के रिश्ते इतने तल्ख हो गये थे कि जब संसदीय चुनाव 2014 में आजमगढ़ में रमाकांत यादव के चुनाव प्रचार करने के लिए अमित शाह खुद गये थे और उन्होंने आजमगढ़ की धरती को आतंकिस्तान कह दिया था इसके बाद मायावती ने पलटवार करते हुए बीजेपी प्रत्याशी रहे पूर्व सांसद रमाकांत यादव को ही आतंकी बताया था।
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सपा, बसप, कांग्रेस व बीजेपी का बाहुबली यादव बंधु को बिना नहीं चलता काम
राजनीति में बाहुबलियों को टिकट देने को लेकर विभिन्न राजनीतिक दल एक-दूसरे पर तमाम आरोप लगाते रहे हैं लेकिन जब भी किसी दल को मौका मिलता है उसकी पहली पसंद बाहुबली यादव बंधु ही होते हैं। सपा से रमाकांत यादव सांसद बने थे और फिर बसपा में चले गये थे। बाद में बीजेपी का दामन थामा था और फिर कांग्रेेस का साथ हो लिए थे इसके बाद फिर से रमाकांत यादव की सपा में वापसी हो चुकी है। उमाकांत यादव ने सपा व बसपा दोनों के सिंबल पर चुनाव जीता है। बसपा सुप्रीमो मायावती के साथ हुए गेस्ट हाउस कांड में उमाकांत यादव का नाम आया था इसके बाद वह सपा में चले गये थे लेकिन उमाकांत की जौनपुर की राजनीति में पकड़ देखते हुए मायावती ने फिर से बसपा में शामिल कराया था। वर्तमान समय की बात की जाये तो उमाकांत यादव किसी दल में नहीं है और सपा में जाने के जुगाड़ में लगे हुए हैं।
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