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बाहुबली मुख्तार अंसारी की मुलायम सिंह यादव व शिवपाल यादव से निकटता किसी से छिपी नहीं है। शिवपाल यादव ने मुख्तार अंसारी की पार्टी कौएद का विलय सपा में विलय कराया था, लेकिन अखिलेश यादव के विरोध के बाद यह विलय खत्म हो गया था। इसके बाद अंसारी बंधु ने अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा था। लोकसभा चुनाव 2019 में अखिलेश यादव व मायावती की पार्टी ने गठबंधन किया था और गठबंधन प्रत्याशी के तौर पर अखिलेश यादव ने आजमगढ़ संसदीय सीट से नामांकन किया था। बाहुबली मुख्तार अंसारी का परिवार बसपा में आ चुका था। पिछली सारे मतभेद भुलाते हुए अब्बास अंसारी ने आजमगढ़ संसदीय सीट पर अखिलेश यादव का चुनाव प्रचार किया था और घर-घर जाकर वोट मांगे थे।
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मुख्तार अंसारी खुद मऊ सदर से विधायक है जबकि उनके भाई अफजाल अंसारी ने पीएम नरेन्द्र मोदी की लहर के बाद भी गाजीपुर संसदीय सीट से मनोज सिन्हा को चुनाव हराया था और सांसद बने है। लेकिन अब्बास अंसारी को अभी चुनाव में जीत नहीं मिली है। यूपी चुनाव 2017 में अब्बास अंसारी ने घोसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन साढ़े सात हजार वोट से चुनाव हार गये थे। मुख्तार अंसारी हमेशा अपने बेटे को आपराधिक मुकदमे से दूर रखना चाहते थे लेकिन इन्ही मुकदमों में अब उनका बेटा फंसता जा रहा है।
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