बाबतपुर स्थिति लालबहादुर शास्त्री एयरपोर्ट को करीब 1400 करोड़ की लागत से सिडनी एयरपोर्ट की तरह विकसित किए जाने की योजना है। इसके तहत इस एयरपोर्ट के रन-वे की मौजूदा लंबाई जो 2745 मीटर है उसे 1750 मीटर विस्तार दिया जाएगा। इसके बाद यहां अमेरिकन एयर फोर्स वन के विमानों के साथ बोईंग 77, A340-600, A350-600, 747-400 जैसे बड़े विमानों की भी आसनी से लैंडिंग व टेकऑफ हो सकेगा। कैट थ्री सिस्टम भी इंस्टाल हो पाएगा। अब तक एयरपोर्ट विस्तार में बाधक बने वाराणसी-सुल्तानपुर हाईवे के लिए रन-वे के नीचे करीब तीन किलोमीटर की टनल (सुरंग) बनाने को आईआईटी विशेषज्ञों ने मंजूरी दे दी है। टनल इतना मजबूत होगा कि भारी विस्फोटक से भी इसे कोई नुकसान नहीं होगा। विस्तार के लिए पांच गांवों की 350 एकड़ भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। एयरपोर्ट एथारिटी सूत्रों के मुताबिक 550 करोड़ से एयरपोर्ट का विस्तार होगा जबकि वर्ल्ड क्लास यात्री सुविधाओं पर 850 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
बता दें कि देश के मझोले (टियर-2) शहरों में हाल के महीनों में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में तेजी से वृद्धि दर्ज की गई है। इसमें वाराणसी नंबर वन रहा है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) की रिपोर्ट के मुताबिक वाराणसी में मार्च महीने में सालाना आधार पर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में सर्वाधिक 98.6 फीसद की तेजी दर्ज की गई। बाबतपुर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से से कार्गो सेवा शुरू होने से उद्यमियों खासकर कालीन, बनारसी साड़ी और हैंडीक्राफ्ट कारोबारियों को काफी सहूलियत हुई है। निर्यात के लिए भेजे जाने वाले उत्पाद अब यहीं से जा सकेंगे। एक छत के नीचे कार्गो से जुडी सभी एजेंसियों के काउंटर, एजेंटों के लिए लॉबी, हैंडलिंग उपकरण, एक्सरे मशीन आदि की सुविधा मुहैया कराई गई है। कृषि और प्रसंस्कृत उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के ट्रायल कन्साइन्मेंट में एक टन तीखी हरी मिर्च दुबई भेजी जा चुकी है। आने वाले दिनों में यूएई के अन्य देशों से सीधा जुड़ाव होने के साथ साग-सब्जियों से लेकर डेयरी उत्पाद, लंबे दाने के चावल और सीजन मे बनारसी लंगड़ा आम व इलाहाबादी अमरूद तथा बनारसी पान भी भेजा जा सकेगा।