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बाहुबली अतीक अहमद भी पहली बार वाराणसी से चुनाव लडऩे जा रहे हैं। 23 मई को पता चलेगा कि अतीक अहमद का कितने वोट मिले है। वोट के आधार पर राजनीतिक जगत में यह तय किया जायेगा कि मुख्तार अंसारी व अतीक अहमद में से किसके प्रशंसक अधिक है। मुख्तार अंसारी का प्रभाव गाजीपुर से लेकर मऊ तक में है जबकि अतीक अहमद का प्रभाव प्रयागराज में है। दोनों ही बाहुबली नेता के लिए वाराणसी नया क्षेत्र है इसलिए यह चुनाव तय कर सकता है कि किस नेता का जनाधार अधिक है।
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बनारस में मुस्लिम वोटरों की संख्या एक लाख से अधिक है। मुख्तार अंसारी भी मुस्लिम वोट बैंक के सहारे बनारस से चुनाव लड़े थे और इन्हीं वोटरों के लालच में अतीक अहमद भी बनारस से चुनाव लड़ रहे हैं। अतीक अहमद निर्दल ही मैदान में है जबकि मुख्तार अंसारी अपनी पार्टी कौएद से चुनाव लड़े थे। यूपी की राजनीति अब बदल चुकी है। पीएम नरेन्द्र मोदी व अमित शाह की जोड़ी को पटखनी देने के लिए अखिलेश यादव व मायावती ने सारी लड़ाई भूला कर गठबंधन किया है। राहुल गांधी ने कांग्रेस की ताकत बढ़ाने के लिए पूर्वी यूपी की कमान प्रियंका गांधी को सौंपी है। एक-एक वोट के लिए मारामारी हो रही है ऐसे में अतीक अहमद अपनी राजनीतिक ताकत किस तरह दिखा पाते हैं इस पर सभी की निगाहें लगी है।
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