वाराणसी, मिर्जापुर, बलिया,गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, इलाहाबाद, प्रतापगढ़, कौशाम्बी समेत पूर्वांचल के सभी जिलों में उनकी सलामती के लिये दुआ कर रहे लोगों को गहरा सदमा पहुंचा। उनके निधन की खबर से मायूसी छा गयी। हर धर्म हर वर्ग में बेहद लेाकप्रिय अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर शोक जताने वालों का सिलसिला जारी है।
अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय जनसंघ की स्थापना करने वालों में से एक थे और 1968 से लेकर 1973 तक वह उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे।
1955 में पहला लोकसभा चुनाव लड़े पर हार गए।
1957 में गोंडा जिले की तब की बलरामपुर सीट से जनसंघ के टिकट पर चुनाव जीतकर पहली बार सांसद बने।
1977 तक वह जनसंघ के संसदीय दल के नेता रहे।
मोरारजी देसाई की सरकार में 1977 से 1979 तक वो विदेश मंत्री रहे।
1980 में उन्होंने जनता पार्टी छोड़ दी और भाजपा की स्थापना में जुट गए।
1980 में जब भारतीय जनता पार्टी बनी तो वह उसके पहले अध्यक्ष बनाए गए।
अटल जी दो बार राज्यसभा में भी रहे।
1996 में वह पहली बार 13 दिन के लिये प्रधानमंत्री बने।
1998 में 13 दलों के गठबंधन की सरकार बनी जिसमें वह फिर प्रधानमंत्री बने।
1999 से 2004 तक देश के प्रधानमंत्री रहे।