वाराणसी. बनारस के इस ज्योतिषाचार्य की भविष्यवाणी सच हो रही है। ज्योतिष ऋषि द्विवेदी ने पहले ही कहा था कि आकाश मंडल में ग्रहों का जो दुर्योग बन रहा है वह आने वाले समय के लिए ठीक नहीं है। इसलिए 28 अप्रैल से 31 मई तक का समय लोगों को सावधान रहने की जरूरत है और इस अवधि में खंड प्रलय भी आ सकता है। ज्योतिषाचार्य पं.ऋषि द्विवेदी की बात सच साबित हो रही है इसका सबसे बड़ा उदाहरण यूपी व राजस्थान में आये तूफान में 90 लोगों से अधिक की मौत होना है। यह भी पढ़े:-रिजल्ट घोटाला: जानिए कैसे हुआ नम्बरों का खेल, 2 को 23 व 7 को बना दिया 27
IMAGE CREDIT: Patrika पं.ऋषि द्विवेदी ने बताया था कि सम्वत् 2075 (2018-19) धार्मिक दृष्टि से बेहद खास रहने वाला है। सम्वत् 2075 अर्थात 2018 में मलमास है तो वर्ष 2019में अद्र्धकुंभ। दोनों ही समय आमजन के धर्मपरायण के लिए बेहद खास है। आकाश में भी इस बार ग्रहों का अजीब संजोग बन रहा है। भूमि पुत्र मंगल 1-2मई की मध्यरात्रि 12.44 बजे धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेगा। इसके बाद मंगल छह माह तक 31 अक्टूबर रात 8.29 बजे तक मकर राशि में ही रहेगा। सामान्य तौर पर मंगल एक राशि में डेढ़ माह तक ही रहता है और किसी राशि में मंगल का छह माह तक रहना कम देखने को मिलता है। गोचर में प्रमुख फल देने वाले देवगुरु बृहस्पति व न्याय के देवता शानि एक साथ महीने तक एक राशि पर रहते हैं। देवगुरु बृहस्पति तुला राशि में 25 मार्च शाम 5.42 बजे वक्री हो चुके है जो चार जुलाई को भारे में 3.34 बजे तक मार्गी होंगे। बृहस्पति के वक्रत्वकाल के बीच न्याय के देवता शनिदेव 24 अप्रैल को सायं 5.56 बजे वक्री हो गए हैं। अब 28 अगस्त को दिन में 11.29 बजे मार्गी होंगे। 24 अप्रैल से चार जुलाई के बीच शनि व बृहस्पति एक साथ आकाश मंडल में वक्री होंगे। ऐसा होने पर धरती पर इसका नकारात्मक प्रभाव पडऩा तय है इन ग्रहों का दुर्योग के बीच आकाश मंडल में महादुर्योग बना हुआ है जिससे भूकंप, प्राकृतिक आपदा, वर्षा, झंझावात, उल्कापात, महामारी आदि आने की पूरी संभावना है। ज्योतिषाचार्य की बात सही साबित हो रही है और भविष्यवाणी करने के कुछ दिन बाद ही राजस्थान व बिहार में आये तूफान ने दर्जनों लोगों की जान जा चुकी है। यह भी पढ़े:-तो क्या फिर से दल बदलेंगे स्वामी प्रसाद मौर्या, बीजेपी भी कर सकती है किनारा
28 अप्रैल से 31 मई तक का समय नहीं है ठीक 28 अप्रैल से 31 मई तक का समय ठीक नहीं है। राहु से मंगल सातवें हो, मंगल से बुध पांचवे हो, चन्द्रमा-बुध से चौथे हो। तो महाभूकंप क? योग ग बनता है। 28 मई को सायंकाल 4.40 बजे के बाद चंद्रमा का तुला राशि में वृश्चिक राशि में प्रवेश के साथ ही महाभूकंप का भी योग बना है। पंडित ऋषि द्विवेदी के अनुसार ज्योतिषशास्त्र के विद्वानों को नारदीय संहिता के भूकंपनामक योग का भी अध्ययन करना चाहिए। इससे प्राकृतिक आपदा की पहले से जानकारी मिलना संभव हो पायेगा।