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बसपा सुप्रीमो मायावती ने भले ही गठबंधन पर ब्रेक लगा दिया है लेकिन उन्होंने अखिलेश यादव पर किसी तरह का हमला नहीं किया है। मायावती ने यह तक कहा कि अखिलेश यादव व डिंपल यादव ने उनका बहुत सम्मान किया है। इसी तरह अखिलेश यादव ने वर्ष 2022 में सपा सरकार बनने की बात तो कही है लेकिन गठबंधन को लेकर किसी तरह का बयान नहीं दिया है। इसके पीछे यूपी चुनाव 2022 माना जा रहा है। सपा व बसपा जानते हैं कि गठबंधन को लेकर एक-दूसरे पर हमलावर हो जाते हैं तो बीजेपी की राह आसान हो जाती है। ऐसे में सपा व बसपा भले ही गठबंधन से अलग हो जाये। लेकिन ऐसी स्थिति नहीं बने कि जरूरत पडऩे पर फिर गठबंधन न हो सके। इसके चलते ही दोनों नेता एक-दूसरे का सम्मान देना नहीं भूल रहे हैं।
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