एक ही विश्वविद्यालय में दो तरह की व्यवस्था क्यों? ऑफलाइन परीक्षा का विरोध कर रहे छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय के ही दूसरे संकाय के छात्रों की परीक्षाएं ऑनलाइन हो रही हैं तो कृषि विज्ञान संस्थान में ही ऑफलाइन परीक्षा क्यों? धरनारत छात्रों ने जमकर नारेबाजी की। साथ ही ऑनलाइन सेमेस्टर परीक्षा कराने की मांग बुलंद की।
ज्यादातर छात्र घर से ही कर रहे सेल्फ स्टडी छात्रों का कहना है कि उनकी पढ़ाई तो ऑनलाइन हुई तो परीक्षा ऑफलाइन कराने का क्या मतलब है। ज्यादातर छात्र तो अब भी घर से ही सेल्फ स्टडी कर रहे हैं। वो इस ऑफलाइन परीक्षा में कैसे सम्मिलित होंगे। अब सेमेस्टर परीक्षा के लिए आनन-फानन में उन्हें विश्वविद्यालय बुलाना सही नहीं। उन्होंने यहां तक कहा कि फिलहाल इस सेमेस्टर की परीक्षा ऑनलाइन करा ली जाए फिर अगले सेमेस्टर से ऑफलाइन परीक्षा हो।
संस्थान के निदेश से अपील छात्रों ने कृषि विज्ञान संस्थान के निदेशकद से अपील की कि उनकी समस्या का समाधान जल्द से जल्द किया जाए। उन्होंने अपनी मांग के समर्थन में निदेशक को संबोधित ज्ञापन भी सौंपा।
दो साल तक बंद रही फिजिकल कक्षाएं, ऑफलाइन कक्षा शुरू करने को भी हुआ आंदोलन बता दें कि कोरोना महामारी के चलते दो साल तक विश्वविद्यालय के हर संकाय की कक्षांओं में फिजिकल उपस्थिति नहीं रही। फिजिकल कक्षाएं शुरू कराने की मांग को लेकर भी छात्रों को आंदोलन करना पड़ा। छात्रों की मांग पर नव नियुक्त कुलपति प्रो सुधीर जैन ने फरवरी में ही ऑफलाइन कक्षाएं शुरू करने का फैसला लिया। अब ऑफलाइन परीक्षा को लेकर छात्र आंदोलन करने लगे हैं तो विश्वविद्यालय प्रशासन ने ऑनलाइन ओपेन बुक एग्जाम कराने का फैसला लिया। ऐसे में कृषि विज्ञान संस्थान के छात्रों का कहना है कि जब विश्वविद्यालय प्रशान ने ऑनलाइन ओपेन बुक एग्जाम कराने का फैसला ले लिया है तो कृषि विज्ञान संस्थान में भी उसे लागू किया जाना चाहिए।