लोगों ने अपनी दुकान किराए पर दिए
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुरकाजी निवासी सलीम छपार टोल प्लाजा के निकट लंबे समय से चाय की दुकान चला रहे हैं। पुलिस के फैसले के बाद कांवड़ यात्रा संपन्न होने तक दुकान बंद रखने का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि दुकान बंद रखने से परेशानी जरूरी होगी, लेकिन किसी झमेले में नहीं पड़ना चाहते। दुकान पर पर्दा लगा दिया गया है। बहेड़ी निवासी वसीम ने अपना ढाबा एक महीने के किराए के लिए मनोज को दे दिया है। हालांकि उन्हें प्रशासन के इस फैसले से कोई दिक्कत नहीं है। एक महीने बाद वह अपनी दुकान फिर से शुरू कर देंगे। यह भी पढें:
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मेरठ जोन एडीजी डीके ठाकुर ने जोन के सभी कप्तानों को इस संबंध में आदेश जारी सख्ती के साथ पालन कराने की हिदायत दी है। एडीजी ने बताया कि ये कोई नया आदेश नहीं है, पिछले साल भी इसे लागू कराया गया था। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर में एक साल पहले कांवड़ियों ने एक ढाबे पर खाना खाया। उनको बाद में पता चला कि ढाबे पर बाहर हिंदू नाम लिखा था, लेकिन उसके जो मालिक-कर्मचारी थे, वह दूसरे समुदाय के थे। इसे लेकर रोष उत्पन्न हो गया। तोड़फोड़ भी हुई। इन सबसे बचने के लिए पुलिस-प्रशासन ने कानून और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह निर्णय लिया है।
इस फैसले से यूपी से लेकर केंद्रीय स्तर तक सियासत बढ़ गई है। अखिलेश यादव से लेकर राष्ट्रीय स्तर के नेता भी पुलिस के इस आदेश की आलोचना कर रहे हैं। विपक्ष के साथ एनडीए में बीजेपी के सहयोगी भी जमकर विरोध कर रहे हैं।