scriptKanwar Yatra NamePlate Controversy: सलीम की दुकान बंद, वसीम का ढाबा चलाएगा मनोज, मुजफ्फरनगर में मुस्लिम दुकानदारों ने किराए पर दे दी दुकान  | Uttar pradesh nameplate controversy muslim employees removed from dhabas and gave their shops on rent | Patrika News
मुजफ्फरनगर

Kanwar Yatra NamePlate Controversy: सलीम की दुकान बंद, वसीम का ढाबा चलाएगा मनोज, मुजफ्फरनगर में मुस्लिम दुकानदारों ने किराए पर दे दी दुकान 

Kanwar Yatra NamePlate Controversy: यूपी के मुजफ्फरनगर पुलिस ने कावड़ यात्रा को लेकर एक फरमान जारी किया है। कांवड़ के रास्ते में आने वाले सभी ढाबा और ठेले पर मालिक का नाम लिखना अनिवार्य है। अब ऐसे में मुस्लिम दुकानदारों ने रोजगार छोड़कर अपनी दुकान किराए पर देना शुरू कर दिया है।

मुजफ्फरनगरJul 20, 2024 / 01:34 pm

Swati Tiwari

muzaffarnagar nameplate controversy
उत्तर प्रदेश में पहचान के डर से लोग अपना रोजगार छोड़ने पर मजबूर हो गए। कांवड़ यात्रा के रूट में खाने-पीने की दुकान पर संचालकों का नाम और पहचान अनिवार्य कर दिए जाने से दुकानदारों में बेचैनी बढ़ गई है। प्रशासन के इस फैसले से मुस्लिम कर्मचारियों में खलबली मच गई है। ना चाहते हुए भी कुछ लोगों ने अपनी दुकान पर ताला लटका दिया तो वहीं कुछ लोगों ने अपनी दुकान किराए पर दे दी। 

लोगों ने अपनी दुकान किराए पर दिए

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुरकाजी निवासी सलीम छपार टोल प्लाजा के निकट लंबे समय से चाय की दुकान चला रहे हैं। पुलिस के फैसले के बाद कांवड़ यात्रा संपन्न होने तक दुकान बंद रखने का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि दुकान बंद रखने से परेशानी जरूरी होगी, लेकिन किसी झमेले में नहीं पड़ना चाहते। दुकान पर पर्दा लगा दिया गया है। बहेड़ी निवासी वसीम ने अपना ढाबा एक महीने के किराए के लिए मनोज को दे दिया है। हालांकि उन्हें प्रशासन के इस फैसले से कोई दिक्कत नहीं है। एक महीने बाद वह अपनी दुकान फिर से शुरू कर देंगे। 
यह भी पढें: अमेठी में ढाई हजार मुर्दे ले रहे है फ्री राशन, हुआ बड़ा खुलासा

मेरठ जोन के एडीजी ने कही ये बात 

मेरठ जोन एडीजी डीके ठाकुर ने जोन के सभी कप्तानों को इस संबंध में आदेश जारी सख्ती के साथ पालन कराने की हिदायत दी है। एडीजी ने बताया कि ये कोई नया आदेश नहीं है, पिछले साल भी इसे लागू कराया गया था। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर में एक साल पहले कांवड़ियों ने एक ढाबे पर खाना खाया। उनको बाद में पता चला कि ढाबे पर बाहर हिंदू नाम लिखा था, लेकिन उसके जो मालिक-कर्मचारी थे, वह दूसरे समुदाय के थे। इसे लेकर रोष उत्पन्न हो गया। तोड़फोड़ भी हुई। इन सबसे बचने के लिए पुलिस-प्रशासन ने कानून और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह निर्णय लिया है।
इस फैसले से यूपी से लेकर केंद्रीय स्तर तक सियासत बढ़ गई है। अखिलेश यादव से लेकर राष्ट्रीय स्तर के नेता भी पुलिस के इस आदेश की आलोचना कर रहे हैं। विपक्ष के साथ एनडीए में बीजेपी के सहयोगी भी जमकर विरोध कर रहे हैं। 

Hindi News / Muzaffarnagar / Kanwar Yatra NamePlate Controversy: सलीम की दुकान बंद, वसीम का ढाबा चलाएगा मनोज, मुजफ्फरनगर में मुस्लिम दुकानदारों ने किराए पर दे दी दुकान 

ट्रेंडिंग वीडियो