कैसरबाग से पांच अप्रैल को देहरादून गई थी बस
कैसरबाग ड्यूटी रूम के मुताबिक पांच अप्रैल को संविदा बस कंडक्टर पंकज तिवारी बस लेकर दिल्ली गया। वहां से देहरादून जाकर आठ अप्रैल को लखनऊ वापस लौटा। इस दौरान लंबी दूरी के यात्री होने की वजह से कैश बैग में काफी पैसा था। नियम के अनुसार, इस पैसे को नौ या दस अप्रैल को जमा करना था, लेकिन बस कंडक्टर पंकज तिवारी कैश बैग जमा करने के बजाए दस दिनों तक पैसा लेकर गायब रहा। यह भी पढ़ेंः
राहुल गांधी की सीट पर ‘जीजा जी’ की नजर, अमेठी में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का बड़ा बयान इस दौरान सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया। कैसरबाग डिपो के एआरएम ने संविदा बस कंडक्टर पंकज तिवारी से जवाब-तलब करते हुए उसे बस ड्यूटी से हटा दिया है। दूसरी ओर कैसरबाग डिपो के बस चालकों का कहना है कि जब से आईपीएल का मैच शुरू हुआ है। तबसे कंडक्टर पंकज तिवारी मोबाइल पर सट्टा खेलते कई बार देखा गया है।
लखनऊ के कैसरबाग डिपो के एआरएम ने क्या बताया?
कैसरबाग डिपो के एआरएम अरविंद कुमार ने बताया ”कैसरबाग बस स्टेशन के इंचार्ज एसके गुप्ता की जिम्मेदारी थी कि वह समय रहते कैश बैग जमा कराएं, लेकिन स्टेशन इंचार्ज ने मामले को दस दिनों तक दबाए रखा। मामले की जानकारी होने पर कंडक्टर से जवाब-तलब किया गया है। फिलहाल उसे रूट ऑफ कर दिया गया है। जवाब आने के बाद कार्रवाई के लिए फाइल आरएम को भेजी जाएगी।”