बता दें कि साल 2017 के चुनाव के बाद पहली बार समाजवादी पार्टी को बड़ी सफलता मिली है। लगातार 2 विधानसभा चुनाव और 1 लोकसभा चुनाव में बुरी तरह हार के बाद अब बड़ी सफलता मिलती दिख रही है। सपा यूपी में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती हुई दिखाई दे रही है।
सपा और कांग्रेस ने मिलकर लड़ा चुनाव
लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने मिलकर यूपी की राजनीति को अलग रंग देने की कोशिश की। भारतीय जनता पार्टी के समीकरण को बिगाड़ने के लिए इंडिया गठबंधन ने रणनीति को पूरी तरह से बदल दी। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के बाद अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह यादव के आजमाए मुस्लिम- यादव यानी माय समीकरण को पीछे छोड़ा और उन्होंने पीडीए पॉलिटिक्स को अपनाया। पीडीए यानी पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक।
राहुल गांधी ने बदली यूपी में राजनीति
वहीं, राहुल गांधी की भी यूपी में अलग ही राजनीति दिखी। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी प्रदेश के सियासी मैदान में तीसरे चरण की वोटिंग से पहले उतरे। उन्होंने खटाखट-खटाखट वाली लाइन को पकड़कर एक बड़ा संदेश देने का प्रयास किया। राहुल गांधी ने महिलाओं को एक लाख रुपये दिए जाने की घोषणा की। हर माह 8500 रुपये। राहुल गांधी के खटाखट पॉलिटिक्स और अखिलेश यादव की पीडीए राजनीति का असर आज चुनावी नतीजे के दिखने को मिल रहा है। राहुल गांधी और अखिलेश यादव 2017 के विधानसभा चुनाव में भी एक साथ आए थे। लेकिन, उस समय इन दोनों के साथ आने का असर चुनावी मैदान में नहीं दिखा था। हालांकि, लोकसभा चुनाव 2024 में दोनों के साथ आने का असर दिख रहा है।