लोगों के मुद्दों पर होना चाहिए चुनावः प्रियंका गांधी
प्रियंका गांधी ने यह भी कहा कि वह चुनाव को लोगों के नजरिए से देखती हैं और इस बात पर जोर दिया कि चुनाव लोगों के मुद्दों के आधार पर होना चाहिए। उन्होंने कहा, “मैं हर जगह लोगों से यही कह रही हूं कि ये चुनाव जनता का चुनाव होना चाहिए। ये जनता के मुद्दों पर होना चाहिए।” पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी नेताओं पर हमला बोलते हुए प्रियंका ने आरोप लगाया कि बीजेपी बेरोजगारी और महंगाई पर बात नहीं कर रही है। उन्होंने कहा, “वे बेरोजगारी और मुद्रास्फीति के मुद्दों के बारे में बात नहीं कर रहे हैं। वे किसानों और महिलाओं के वास्तविक मुद्दों के बारे में बात नहीं कर रहे हैं। सारी बातचीत केवल लोगों का ध्यान भटकाने के लिए हो रही है।” यह भी पढ़ेंः
लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर भीषण हादसा; पेड़ से टकराई कार, तीन लोगों की मौत, दुबई जा रहे थे दो लोग चुनावी बॉन्ड योजना पर अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रियंका गांधी ने इसे पारदर्शी व्यवस्था बताने पर पीएम मोदी से सवाल किया। उन्होंने कहा, “पीएम मोदी ने कहा कि चुनावी बांड प्रणाली के कारण पूरी प्रणाली पारदर्शी हो गई है। अब, सुप्रीम कोर्ट कह रहा है कि दानदाताओं की सूची सामने लाएं और इसे पारदर्शी बनाएं। सूची के बाद अनावरण हुआ, हमें पता चला कि जो कंपनी 180 करोड़ रुपये में काम कर रही है, वह 1100 रुपये का चंदा दे रही है। जिनके यहां छापे पड़े, उन्होंने आपको चंदा दिया और अब मामला बंद हो गया, फिर यह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई कैसी?
सुप्रीम कोर्ट में ईवीएम-वीवीपैट की विश्वसनीयता पर सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार 18 अप्रैल को ईवीएम-वीवीपैट मामले पर सुनवाई हुई। शीर्ष कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और पवित्रता होनी चाहिए। किसी को भी आशंका नहीं होनी चाहिए। चुनाव आयोग की तरफ से कोर्ट में वकील मनिंदर सिंह पेश हुए। वहीं याचिकाकर्ताओं की तरफ से वकील निजाम पाशा और प्रशांत भूषण पेश हुए। सुनवाई के दौरान वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि कम से कम यह आदेश दिया जाए कि वीवीपैट मशीन पारदर्शी हो और उसमें बल्ब लगातार जलता रहे, ताकि वोटर को पूरी तरह पुष्टि हो सके। वकील संजय हेगड़े ने कहा कि सभी वीवीपैट पर्चियों को गिनने पर भी विचार हो, और अगर अभी यह नहीं हो सकता, तो कोर्ट अभी हो रहे चुनाव की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए कुछ अंतरिम आदेश दे।
सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग ने कहा-ईवीएम में छेड़छाड़ संभव नहीं
वीवीपैट केस पर सुनवाई कर रहे जज ने चुनाव आयोग अधिकारी से पूछा कि आपके पास कितने हैं? अधिकारी ने बताया कि हमारे पास 17 लाख वीवीपैट हैं। इस पर जज ने सवाल किया कि ईवीएम और वीवीपैट की संख्या अलग क्यों है? इसपर चुनाव आयोग के अधिकारी ने जज को बताया कि मॉक पोल में प्रत्याशी अपनी इच्छा से किसी भी मशीन को जांच सकते हैं। अधिकारी ने यह भी बताया कि आंकड़े के बारे में जान पाना या उसमें छेड़छाड़ कर पाना संभव नहीं है।