पुलिस ने क्या कहा ?
झांसी सिटी एसपी ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने बतया कि नवाबाद थाना पुलिस और स्वाट टीम को जानकारी मिली कि सुमित सुकुवां-ढुकवां कॉलोनी के पीछे है। पुलिस ने जंगल की घेराबंदी की। इसके बाद सुमित ने फायरिंग कर दी। वह पेड़ों की ओट लेता हुआ भाग रहा था। करीब 20 मिनट तक पुलिस ने सुमित का पीछा किया। इस दौरान दोनों तरफ से फायरिंग होती रही। इस बीच पुलिस की एक गोली सुमित के दाएं पैर में लग गई, जिससे वह गिर पड़ा। पुलिस ने उसे अरेस्ट करने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया है।
19 दिसंबर को हुआ था हमला
जिला कारागार झांसी में तैनात जेलर कस्तूरी लाल गुप्ता ट्रेनिंग के लिए हैदराबाद जाने वाले थे। वे सिपाही अर्जुन सिंह के साथ स्टेशन जाने के लिए जेल परिसर से निकले। लगभग एक बजे जब वो इलाहाबाद बैंक चौराहे से स्टेशन रोड तिराहे की ओर बढ़ा तभी पीछे से आई एक कार ने ओवरटेक करके ऑटो को रोक दिया। कार से उतरे चार बदमाश हाथ में लाठी-डंडे लिए आए। इसके बाद बदमाशों ने जेलर को वाहन से बाहर खींचकर पीटना शुरू कर दिया। क्या थी हमले की मुख्य वजह
बताया जा रहा हैं कि हिस्ट्रीशीटर कमलेश यादव और जेलर कस्तूरी लाल गुप्ता बीच किसी बात को लेकर बहस हो गई थी। इसी बात को लेकर कमलेश यादव के दोनों बेटे जेलर से नाराज हो गए थे और उन्हें टारगेट पर ले लिया था। पुलिस ने बताया कि अन्य आरोपियों को जल्दी ही गिरफ्तार कर लिया जायेगा।