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लखनऊ

Constitution Day: संविधान का गला घोंटने वालों को जनता ने सिखाया सबक- योगी आदित्यनाथ

Constitution Day: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संविधान दिवस पर कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि जिन्होंने संविधान का गला घोंटा, उन्हें जनता ने सिखाया सबक।

लखनऊNov 26, 2024 / 07:01 pm

Ritesh Singh

yogi Adityanath highlights Babasaheb contribution; Criticizes Congress for tampering with Constitution

yogi Adityanath highlights Babasaheb contribution; Criticizes Congress for tampering with Constitution

Constitution Day: मुख्यमंत्री ने संविधान दिवस पर लोकभवन में आयोजित समारोह में संविधान की उद्देशिका का पाठन किया और बाबा साहब अंबेडकर को नमन करते हुए उनके योगदान को याद किया। संविधान दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन में आयोजित समारोह में भारतीय संविधान के उद्देशिका का पाठन किया और संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा 26 नवंबर 1949 को देश को दिए गए संविधान ने “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की दिशा में ठोस कदम बढ़ाया।
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मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि संविधान की उद्देशिका में छेड़छाड़ करने की वजह से कांग्रेस ने संविधान का गला घोंटा है। उन्होंने कहा कि संविधान में ‘सेक्युलर’ और ‘समाजवादी’ शब्दों को जोड़कर कांग्रेस ने संविधान के मूल स्वरूप को बदलने का काम किया।
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मुख्यमंत्री ने कहा, “भारत का संविधान दुनिया का सबसे विस्तृत और सशक्त संविधान है, जिसे बाबा साहब डॉ. अंबेडकर ने तैयार किया। 1950 में संविधान के लागू होने से पहले और अब तक देश में कई बदलाव हुए हैं, लेकिन संविधान ने हमेशा समानता, न्याय और बंधुत्व के आदर्शों को बनाए रखा है। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस द्वारा किए गए संविधान के विकृत रूप की आलोचना करते हुए कहा कि 1975 के बाद जब इमरजेंसी थी, तब कांग्रेस ने संविधान में ‘सेक्युलर’ और ‘समाजवादी’ शब्द जोड़े, जिससे संविधान के मूल उद्देश्य पर प्रश्नचिह्न लगा। उन्होंने कहा कि देश की जनता ने इन दोषपूर्ण कदमों को लेकर कड़े कदम उठाए हैं और चुनावों में उनकी सजा दी है।
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मुख्यमंत्री योगी ने संविधान के महत्व को बताते हुए कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र का आधार है, और इसके द्वारा सभी नागरिकों को समान अधिकार प्रदान किए गए हैं। “भारत का संविधान दुनिया के अन्य लोकतांत्रिक देशों से आगे बढ़कर महिलाओं और हर वर्ग के लिए समान अवसर की गारंटी देता है। हम भारत में सबसे पहले महिला मताधिकार के अधिकार को सुनिश्चित करने वाले थे। उन्होंने आगे कहा कि यह समय संविधान के आदर्शों और मूल्यों को आत्मसात करने का है और इसे सभी नागरिकों को समझाना जरूरी है। साथ ही यह भी महत्वपूर्ण है कि नागरिक अपने कर्तव्यों को समझें और उनका पालन करें। उन्होंने बताया कि इस साल हम आजादी के अमृत महोत्सव में संविधान के अमृत महोत्सव को मना रहे हैं और इस दिन को विशेष रूप से लोकतंत्र की शक्ति को समझने और मजबूत करने के रूप में मनाना चाहिए।
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सीएम योगी ने 2019 में उत्तर प्रदेश विधानसभा और विधान परिषद में नागरिक कर्तव्यों पर आयोजित विशेष सत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि संविधान में नागरिक अधिकार और कर्तव्यों का संतुलन सुनिश्चित किया गया है। “केवल अधिकारों की बात करना पर्याप्त नहीं है, नागरिक कर्तव्यों का पालन करना भी आवश्यक है। सीएम ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनका विचार था कि भारत का संविधान समाज के प्रत्येक नागरिक को समान अवसर और अधिकार देने के साथ-साथ समान कर्तव्यों का पालन भी करवाता है। बाबा साहब के इस विचार के आधार पर भारत ने लोकतंत्र की स्थापना की और इसे जीवित रखा।
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मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान की धरोहर को एक जुटता और सामाजिक समरसता के प्रतीक के रूप में देखा। उन्होंने यह भी कहा कि आज हम 140 करोड़ भारतवासियों को एक साथ जोड़ने में सक्षम हैं, और यह संविधान का ही प्रभाव है। उन्होंने इसके साथ ही संविधान के आदर्शों को आत्मसात करने की अपील की और हर नागरिक से कर्तव्यों के पालन की अपेक्षा की। “अगर हम अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं, तो यह भारत के संविधान और हमारे महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।” इस अवसर पर सीएम योगी ने वाद-विवाद प्रतियोगिता में विजयी छात्रों को सम्मानित किया और बच्चों को संविधान के आदर्शों पर चलने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि बच्चों को बचपन से संविधान की शिक्षा दी जानी चाहिए, ताकि वे समाज के जिम्मेदार नागरिक बन सकें।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संबोधन के मुख्य बिंदु

संविधान का सम्मान: मुख्यमंत्री ने भारतीय संविधान के महत्व पर जोर दिया और बाबा साहब के योगदान को याद किया।
कांग्रेस पर आरोप: कांग्रेस पर संविधान में ‘सेक्युलर’ और ‘समाजवादी’ शब्द जोड़कर मूल स्वरूप को बदलने का आरोप।
नागरिक कर्तव्यों पर जोर: केवल अधिकारों की बात नहीं, कर्तव्यों का पालन करना भी आवश्यक है।
महिला मताधिकार: भारत ने सबसे पहले महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिया और अब महिलाओं को विधायिका में एक तिहाई आरक्षण दिया।
बच्चों को संविधान की शिक्षा: बच्चों को संविधान के आदर्शों को समझाने की आवश्यकता है।

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