scriptAyodhya: अगहन पंचमी से श्रीराम लला को पहनाई जाएगी रजाई: सर्दियों के भोग और सेवाओं में होंगे बदलाव | Ayodhya: Winter Rituals Begin: Shri Ram Lalla to Be Wrapped in Quilts from November 20 at Ayodhya Temple" | Patrika News
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Ayodhya: अगहन पंचमी से श्रीराम लला को पहनाई जाएगी रजाई: सर्दियों के भोग और सेवाओं में होंगे बदलाव

Ayodhya: सर्दियों की शुरुआत के साथ श्रीराम लला के सेवा-विधान में होगा परिवर्तन; 20 नवंबर से गर्म पानी से स्नान, रजाई-कंबल और विशेष भोग का होगा प्रबंध.

अयोध्याNov 09, 2024 / 03:19 pm

Ritesh Singh

Agahan Panchami

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Ayodhya: अयोध्या में श्रीराम लला के सेवा-विधान में सर्दियों का आगमन विशेष रूप से देखा जा सकता है, जहाँ भक्तगण प्रभु की ठंड से सुरक्षा के लिए विभिन्न तैयारियों में संलग्न हैं। हर साल अगहन माह की पंचमी (20 नवंबर) से श्रीराम लला के वस्त्रों, स्नान विधि और भोग में परिवर्तन किया जाता है, जिससे उन्हें सर्दियों में गर्मी और आराम मिल सके। यह जानकारी श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास महाराज ने दी।
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आचार्य सत्येंद्र दास, जो हाल ही में लखनऊ के पीजीआई में उपचार के बाद स्वस्थ होकर अयोध्या लौटे हैं, ने बताया कि सर्दियों की शुरुआत के साथ भगवान के लिए सेवा विधान में बदलाव अनिवार्य हो जाता है। उनके अनुसार अगहन पंचमी से श्रीराम लला को रजाई ओढ़ाई जाएगी और स्नान के लिए गुनगुने जल का उपयोग होगा। यही नहीं, भगवान के भोग में भी आवश्यक परिवर्तन किए जाते हैं, जिसमें ठंडी चीजों को हटाकर गर्माहट प्रदान करने वाले भोग जैसे मेवे, सूखे फल, और गर्म मसाले का समावेश किया जाता है।
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प्रभु श्रीराम लला के इन बदलावों का उद्देश्य उन्हें सर्दी से बचाना और उनके लिए आरामदायक वातावरण तैयार करना है। जैसे-जैसे सर्दी बढ़ेगी, भगवान की सेवा में रजाई और कंबल के अलावा, विशेष रूप से ब्लोवर का भी उपयोग किया जाएगा ताकि उन्हें ठंड का अहसास न हो। आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि जैसे हमारे अपने जीवन में सर्दियों के हिसाब से खान-पान और कपड़ों में बदलाव होता है, वैसे ही भगवान के लिए भी सेवा विधान में बदलाव होते हैं।
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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या द्वारा जारी इस सूचना में यह भी बताया गया कि सर्दियों के मौसम में भगवान को दिए जाने वाले भोग में गरम चीजों का प्रमुख स्थान होता है, जो उनकी शीत से सुरक्षा का ध्यान रखते हुए तैयार किया जाता है। इसमें विशेष प्रकार के मिष्ठान्न, गरम दूध, खीर, घी, और हलवा जैसे व्यंजनों को शामिल किया जाता है। इसके साथ ही उन्हें ओढ़ने के लिए नर्म और गरम रजाई तथा अन्य वस्त्रों का प्रबंध किया जाता है।
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प्रभु राम के इस सर्दियों के सेवा विधान से भक्तगण भी जुड़ाव महसूस करते हैं और भगवान की सेवा में विशेष रूप से ध्यान रखते हैं। सर्दियों के इस विधान को लेकर अयोध्या और आसपास के श्रद्धालुओं में उत्साह और भक्तिभाव का माहौल रहता है। विशेष रूप से अगहन पंचमी का यह समय धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है, जहाँ भगवान श्रीराम की सेवा में परिवर्तन भक्तों के लिए आध्यात्मिकता और भक्ति का अवसर प्रदान करता है।
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यह सेवा विधान अयोध्या की परंपराओं और राम भक्तों की भगवान के प्रति अटूट श्रद्धा को दर्शाता है। अगहन पंचमी से भगवान को विशेष रूप से सर्दियों के अनुसार गरमाहट भरे भोग, स्नान, और वस्त्रों से सजाया जाता है, जिससे श्रद्धालु भी प्रेरित होकर अपने घरों में इसी प्रकार की पूजा-अर्चना करते हैं। प्रभु श्रीराम लला की यह सर्दियों की सेवा विधि सभी भक्तों के लिए श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक बन गई है।

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