पानी लेकर काफी देर बाद पहुंची दमकल की टीम आग लगने से आढ़तियों की दुकानों-गोदामों में रखा बारदाना, फल और अन्य सामान जल गया। तेज आवाज के साथ गैस सिलेंडर और इन्वर्टर की बैट्रियां फटने लगीं। मंडी में तीन ब्लाक हैं, प्रत्येक में 30-30 दुकानें हैं।आढ़तियों ने बताया कि रात 11 बजे अचानक दो दुकानों की छत पर लपटें देखीं तो बाल्टियों से पानी की बौछार शुरू की। दमकल को भी सूचना कर दी गई थी, लेकिन जब तक पानी की गाड़ियां आतीं, इससे पहले गोदामों में भरे सामान ने आग पकड़ ली। आग दूसरे ब्लाक तक न पहुंच जाए, इसके लिए दमकल की टीमों ने दो तरफ से पानी की बौछार शुरू की।
रात दो बजे तक धधकती रही डेलापीर मंडी दुकानों में फलों – की पेटियां आदि लगाकर आढ़ती ग बैठते हैं। प्रत्येक दुकान की छत पर टिन शेड के अंदर गोदाम बनाए गए हैं। फलों से भरे गत्ते के कार्टून, क्रेट, लकड़ी के पल्ले, बोरे समेत अन्य रखा रहता है। विकराल लपटें और सिलेंडरों में हो रहे विस्फोट के कारण अफरातफरी की स्थिति बनी ही। अन्य ब्लाकों के आढ़तियों ने फल आदि सामान मंडी से बाहर निकाल लिया। रात डेढ़ बजे आग फैलने से रोक ली गई, मगर चपेट में आ चुकी दुकानों की लपटों से काबू पाना चुनौतीपूर्ण हो रहा था।