लखनऊ के काकोरी खानपुर मऊ निवासी अवधेश ने भ्रष्टाचार निवारण संगठन में रिश्वत को लेकर शिकायत की। अपनी शिकायती पत्र में उन्होंने बताया कि कमिश्नर के यहां दिए गए प्रार्थना पत्र में रिपोर्ट लगाने के लिए हसनगंज तहसील के मोहान में तैनात राजस्व निरीक्षक अनिल पांडे 5 हजार रिश्वत मांग रहे हैं। अवधेश की शिकायत पर एंटी करप्शन टीम सक्रिय हुई। सीओ एंटी करप्शन शिवकुमार के निर्देश पर एंटी करप्शन टीम पूर्व नियोजित योजना के अनुसार अवधेश को रिश्वत देने के लिए भेजा।
जिलाधिकारी ने किया निलंबित
अवधेश को रिश्वत देने के लिए अनिल पांडे ने अपने क्षेत्राधिकारी कार्यालय परिसर स्थित आवास पर बुलाया। जहां पर रिश्वत लेते समय अनिल पांडे रंगे हाथ गिरफ्तार किए गए। एंटी करप्शन की टीम राजस्व निरीक्षक (कानूनगो) को अपने साथ लेकर लखनऊ चली गई। जहां न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। जहां से 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया। एसडीएम हसनगंज रामदेव निषाद ने राजस्व निरीक्षक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के लिए डीएम को रिपोर्ट सौंपी। जिलाधिकारी ने एसडीएम की रिपोर्ट पर राजस्व निरीक्षक को तत्काल निलंबित कर दिया।
क्या था मामला?
हसनगंज तहसील के बराती खेड़ा निवासी रामकली उर्फ जयरानी ने उप जिलाधिकारी की अदालत में मुकदमा दायर किया था। जिस पर उप जिलाधिकारी की अदालत ने 23 सितंबर 2024 को पैमाइश कर मेड़बंदी का आदेश दिया था। इस मामले में राजेंद्र प्रसाद निवासी खानपुर मऊ काकोरी लखनऊ की जमीन भी प्रभावित थी। इसी मामले में अवधेश और राजेंद्र ने मंडलायुक्त की अदालत में अपील की थी। मंडलायुक्त (कमिश्नर) के यहां से राजस्व निरीक्षक से रिपोर्ट मांगी गई थी। इसी रिपोर्ट को लगाने के लिए कानूनगो 10 हजार की रिश्वत मांग रहे थे।
लेखपाल संघ ने पूछा मारपीट का अधिकार किसने दिया?
अनिल पांडे की गिरफ्तारी के दौरान कानून और उनके परिवार के सदस्यों के साथ मारपीट की गई। यह आरोप लेखपाल संघ ने लगाया है। जिलाध्यक्ष महेंद्र यादव ने कहा कि गलत करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन मारपीट करना गलत है। उन्होंने कहा कि राजस्व निरीक्षक, उनकी पत्नी और बेटों के साथ मारपीट की गई। शिकायत करने के लिए लेखपाल संघ जिलाधिकारी के आवास तक भी गया। उन्होंने बताया कि रात अधिक होने के कारण उनकी मुलाकात नहीं हो पाई।