उत्तर प्रदेश के उन्नाव में 2017 में कुलदीप सिंह सेंगर के ऊपर अपहरण और दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया गया था। घटना के समय पीड़िता ने अपने आप को नाबालिग बताया था। 13 मार्च 2020 को निचली अदालत ने दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत हो गई थी। इसके मामले में 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह सेंगर सहित छह लोगों को 10 साल की सजा सुनाई थी।
जीवन पर्यंत कारावास की सजा
जबकि एक अन्य मामले में कुलदीप सिंह सेंगर को जीवन पर्यंत कारावास की सजा सुनाई गई है। इस फैसले के खिलाफ कुलदीप सिंह सेंगर की तरफ से उच्च न्यायालय में अपील की गई थी। जो अभी लंबित है। यह अपील 16 दिसंबर 2019 को निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दाखिल की गई थी। जिसमें कुलदीप सिंह सिंगर को दोषी माना गया और और अदालत में जीवन पर्यंत कारावास की सजा सुनाई थी। इस आदेश के खिलाफ कुलदीप सिंह सेंगर के वकील ने हाई कोर्ट में है इस फैसले को रद्द करने का अपील की गई है।