उनका कहना है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता और उनकी जमीन उन्हें वापस नहीं कर दी जाती। तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। इस बीच किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल उपमुख्यमंत्री
दिनेश शर्मा से भी मिल चुका है। और आगे भी प्रयास कर रहे हैं। परंतु शासन प्रशासन की उदासीनता किसानों को रास नहीं आ रही है।
लखनऊ मंडल कमिश्नर का निर्णय किसानों के पक्ष में गौरतलब है ट्रांस गंगा सिटी के लिए यूपीएसआईडीसी ने जमीन अधिग्रहित की थी। किसानों का कहना है कि खेतिहर जमीन को बंजर दिखाकर उन से लिया गया है। किसानों का कहना है कि लखनऊ मंडल कमिश्नर ने यूपीएसआईडीसी के द्वारा अधिग्रहित की गई जमीन को निरस्त कर दिया गया था और आदेश किया था कि किसानों को उनकी जमीन वापस कर दी जाए। कमिश्नर के आदेश को यूपीएसआईडीसी, शासन, प्रशासन मानने को तैयार नहीं है। इसी बीच 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के दिन किसानों ने अपनी जमीन पर हल चला कर कब्जा कर लिया था और खेती किसानी का काम शुरू कर दिया। उसके बाद यूपीएसआईडीसी ने किसानों के खिलाफ गंगाघाट थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया था। जिसमें एक दर्जन नामजद सहित चार सेकड़ा अज्ञात शामिल थे। किसानों के पक्ष में गुलाबी गैंग की मुखिया
संपत पाल दी कदमताल कर रही है और अंत तक साथ देने का वादा कर रही हैं।
2 अक्टूबर से शुरू हुआ था खेती-किसानी का कार्य ट्रांस गंगा सिटी का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। किसान लगातार आंदोलन चला रहे हैं और अधिग्रहित जमीन पर रोजाना सिंचाई व फसलों की बुआई का कार्य भी कर रहे हैं। किसान नेता हीरेंद्र निगम ने बताया कि प्रभावित किसान लगातार शासन व प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रहे थे। परंतु किसी ने
ध्यान नहीं दिया। विगत 2 अक्टूबर को प्रभावित किसानों ने सैकड़ों की संख्या में ट्रैक्टर लेकर अधिग्रहित की गई भूमि पर हल चलाया और खेती का काम शुरू कर दिया, जिसके बाद यूपीएसआईडीसी के अधिकारी ने गुलाबी गैंग की कमांडर संपत पाल सहित एक दर्जन को नामजद करते हुए मुकदमा पंजीकृत कराया था।
प्रशासनिक अमला मुस्तैद किसान नेता हीरेंद्र निगम ने बताया कि 2008 में लखनऊ मंडल के कमिश्नर ने यूपीएसआईडीसी द्वारा अधिग्रहित की गई जमीन को निरस्त करते हुए किसानो को उनकी जमीन तत्काल वापस करने के निर्देेश दिये थे, परंतु शासन व प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया। अंततः उन्होंने अपनी जमीन पर जुताई और बुवाई का काम चालू कर दिया। दिवाली के बाद किसान खेती के कार्य में पूरी तरह जुट जायेंगे। इसके साथ ही किसानों का धरना प्रदर्शन भी जारी है। वहीं दूसरी तरफ प्रशासन अमला भी ट्रांस गंगा सिटी में पूरी तरह मुस्तैद है और अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है।