मामला है जिले के पुरवा का, जहां जयमाल की रस्म होने के बाद जब चढ़ावे की रस्म शुरू हुई तो दुल्हन की नजर लड़के वालों की तरफ से आए चढ़ावे पर पड़ी चढ़ावे में काली चूड़ी और कम व टूटे जेवर देखकर पिता ने बेटी को विदा करने से मना कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस दोनों पक्षों को कोतवाली ले आई। कोतवाली क्षेत्र के गांव तूरी निवासी युवती का विवाह लखनऊ सरोजनी नगर थानाक्षेत्र के पिपरसन गांव के युवक से तय हुआ था।
शुक्रवार को बरात आई थी। द्वारचार रस्म पूरी हुई। बरातियों व कन्या पक्ष के लोगों ने खाना खाया। रात को चढ़ावा चढ़ने के दौरान जब युवती के पिता ने काली चूड़ी व जेवरात कम देखे तो वह भड़क उठे। काफी देर तक हंगामा होता रहा। बाद में किसी तरह से उन्हें समझाकर शांत किया गया।
इसके बाद भांवरे व अन्य रस्में पूरी हुईं। शनिवार सुबह विदाई के समय जब दुल्हन को जेवरात पहनाए जाने लगे उसमें टूटे जेवर निकलने से फिर पिता आक्रोशित हो गए। उन्होंने युवती को विदा करने से मना कर दिया। दूल्हा पक्ष के लोग विदाई के लिए काफी मान-मनौव्वल करते रहे लेकिन पिता नहीं माने। लड़के पक्ष के लोगों ने ही 100 नंबर पुलिस को सूचना दी।
मौके पर पहुंची पुलिस दोनों पक्षों को कोतवाली ले गई। शनिवार देरशाम तक दोनों पक्ष कोतवाली में ही डटे रहे। दुल्हन ससुराल जाने को राजी नहीं थी। जिसके बाद बिना दुल्हन के बरात लौट गई।