नेशनल लोक अदालत : 11 खंडपीठों की ममद से सुलझाए गए 239 लंबित प्रकरण
78 लाख से अधिक की अवार्ड राशि पारित
78 लाख से अधिक की अवार्ड राशि पारित
14 दिसम्बर को जिला एवं सत्र न्यायाधीश विवेक कुमार गुप्ता के निर्देशन में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण के लिए 11 खण्डपीठों का गठन किया गया था। जिसमें से 8 जिला न्यायालय उमरिया में 3 खण्डपीठ तहसील न्यायालय बीरसिंहपुर पाली एवं 1 खण्डपीठ तहसील न्यायालय मानपुर में गठित की गई। लोक अदालत में न्यायालय में लंबित 886 प्रकरण रखे गए थे जिसमें से 239- प्रकरण निराकृत हुए और 7851388 रुपए की अवार्ड राशि पारित हुई।
इससे पहले नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ जिला एवं सत्र न्यायाधीश विवेक कुमार गुप्ता ने किया। इस अवसर पर अरूण प्रताप सिंह, प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय, जिला अधिवक्ता संघ उमरिया पुष्पराज सिंह, रामसहारे राज, विशेष न्यायाधीश/तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, जितेन्द्र कुमार बाजौलिया सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, दीपक कुमार अग्रवाल मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रेट, वीणा खलखो व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खण्ड, आशीष धुर्वे प्रथम व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खण्ड, मोहन डाबर तृतीय व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खण्ड, पल्लवी सिंह चतुर्थ व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खण्ड, सरफराज खान द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खण्ड उपस्थित रहेे।
इन प्रकरणों का हुआ निराकरण
जिला न्यायालय उमरिया के अंतर्गत मोटर दुर्घटना दावा प्रकरणों में से कुल 86 प्रकरण लोक अदालत में रेफर किये गये थे, जिसमे से 14 प्रकरणों में कुल मिलाकर 3805000 रुपए का अवार्ड पारित किया गया। धारा 138 के अंतर्गत 17 प्रकरण निराकृत हुए तथा 4031388 रुपए की राशि के अवार्ड पारित किये गये। न्यायालय में लंबित आपराधिक समनीय मामलों में 187 प्रकरण निराकृत हुए। एक वैवाहिक प्रकरण राजीनामा के आधार पर निराकृत हुआ। अन्य 19 प्रकरणों में 15000 रूपए का अवार्ड पारित किया गया। सिविल प्रकरणों में एक का निराकरण किया गया।
बैंक रिकवरी के 23 प्रकरण निराकृत
प्रीलिटिगेशन स्तर पर बैंक रिकवरी के 23 प्रकरण निराकृत हुए तथा 1771000 रुपए की राशि बैंकों में जमा हुई, इसी तरह नगरपालिका के जलकर के 53 प्रकरण निराकृत हुये और 177272 रुपए की वसूली की गई। संपत्तिकर के 59 प्रकरण निराकृत किये गये, उक्त प्रकरणों में 2016647 रुपए का अवार्ड पारित किया गया। विद्युत प्रकरणों में 148 निराकृत हुये, जिसमें से कुल 1537832 रुपए की राशि संबंधित विभाग को प्राप्त हुई। प्रिलिटिगेशन के कुल 287 प्रकरण निराकृत किये गय और 6782751 रुपए का अवार्ड पारित किया गया।
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