मध्यप्रदेश के उमरिया जिले की दो विधान सभा सीट हैं। एक बांधवगढ़ और दूसरी मानपुर विधान सभा सीट। दोनों ही सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट हैं। वहीं दोनों ही सीटों पर भाजपा का ताज सजा है। उमरिया की मानपुर विधान सभा सीट को केवल मानपुर ही नहीं बल्कि प्रदेश के जनजातीय कार्य विभाग की कैबिनेट मंत्री और विधायक मीना सिंह के नाम से भी जाना जाता है।
कितने मतदाता
2018 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो मानपुर सीट पर 10 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला था। जिनमें 4 दलों ने कड़ी चुनौती पेश की। हालांकि मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही रहा है। बीजेपी की मीना सिंह को 82,287 वोट मिले तो कांग्रेस की ज्ञानवती सिंह को 63,632 वोट मिले थे। वहीं बहुजन समाज पार्टी (रेखा कोल, 9,243 वोट) और गोंडवाणा गणतंत्र पार्टी (देव लाल सिंह, 5,291 वोट) ने भी अच्छा प्रदर्शन किया था। बीजेपी की मीना सिंह ने 18,655 (11 फीसदी) मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। तब इस सीट पर कुल 2,20,161 वोटर्स थे जिनमें, पुरुष वोटर्स की संख्या 1,13,494 थी तो, महिला वोटर्स की संख्या 1,06,665 थी। इनमें से कुल 1,70,141 यानी 79.7 फीसदी वोटर्स ने मतदान किया था।
राजनीतिक इतिहास
मानपुर विधानसभा सीट का इतिहास पुराना नहीं है। 2008 में परिसीमन के बाद से यह सीट बीजेपी के कब्जे में ही रही है। अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व सीट पर पिछले 3 चुनाव में बीजेपी को शानदार जीत मिली है। यह सीट मीना सिंह के लिए जानी जाती है। 2008 के चुनाव में मीना सिंह ने कांग्रेस की ज्ञानवती सिंह को हराया था। तो 2013 के चुनाव में दोनों पुराने प्रत्याशियों के बीच ही मुकाबला था। हालांकि इस बार ज्ञानवती सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था, लेकिन परिणाम 2008 वाला रहा। मीना सिंह ने पिछली बार से कहीं ज्यादा 43,628 मतों के अंतर से जीत हासिल की। मानपुर सीट से पहले मीना सिंह ने 2003 में नौरोजाबाद सीट से चुनाव जीता था।