ये भी पढें – कोर्ट की समिति ने 12 नर्सिंग कॉलेजों को किया अनसूटेबल, देखें लिस्ट बता दें कि साल 2024 में 29 अक्टूबर से 31 अक्टूबर के बीच एक-एक करके 10 हाथियों की मौत ने हर किसी को हैरान कर दिया था। मामला एमपी उमरिया जिले में स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व(Bandhavgarh Tiger Reserve) का था। इस गंभीर मामले को संज्ञान में लेते हुए एनजीटी ने प्रदेश के प्रधान मुख्य वन आरक्षक, मुख्य वन्यजीव संरक्षक, उमरिया कलेक्टर, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान(IVRI), भारतीय वन्यजीव संस्थान(WII) और केंद्रीय कृषि मंत्रालय के सचिव को नोटिस जारी किया था।
NGT ने बताई मौत की वजह
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व(10 Elephant Died in Bandhavgarh) के डिप्टी डायरेक्टर प्रकाश वर्मा से मिली जानकारी के मुताबिक, एनजीटी कोर्ट ने जारी किए गए अपने रिपोर्ट में बताया कि कोदो की फसल खाने से 10 जंगली हाथियों की मौत हुई थी। साथ ही ये भी बताया कि कैसे और किन परिस्थितियों में कोदो में माइकोटॉक्सिन बनता है, जो मौत की मुख्य वजह बनी। इसके अलावा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल कोर्ट ने 91 साल पहले तमिलनाडु में कोदो फसल के कारण हुए 14 हाथियों की मौत(10 Elephant Died in Bandhavgarh) का हवाला भी दिया। वहीं जारी की गई रिपोर्ट में किसी भी तरह के मानवीय हस्तक्षेप से इनकार किया गया है।