192 लंबित केसों का लोक अदालत में निराकरण, एक करोड़ से अधिक का अवार्ड भी पारित
जिला न्यायालय एवं तहसील न्यायालयों में हुआ लोक अदालत का आयोजन
जिला न्यायालय एवं तहसील न्यायालयों में हुआ लोक अदालत का आयोजन
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में 14 सितंबर को जिला न्यायालय एवं तहसील न्यायालय बिरसिंहपुर पाली एवं मानपुर में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। लोक अदालत में न्यायालय में लंबित 1121 प्रकरण रखे गये थे, जिसमें से 192 प्रकरण निराकृत हुये तथा 1 करोड़ 41 लाख 9148 रुपए की अवार्ड राशि पारित हुई।
जिला न्यायालय अंतर्गत मोटर दुर्घटना दावा प्रकरणों में से कुल 93 प्रकरण लोक अदालत में रेफर किये गये थे, जिसमें से 11 में कुल मिलाकर 6507000 रूपए का अवार्ड पारित किया गया। धारा 138 के अंतर्गत 125 प्रकरणों में 15 निराकृत हुए और 2448886 रुपए के अवार्ड पारित किये गये। न्यायालय में लंबित आपराधिक समनीय मामलों में 147 का निराकरण राजीनामा के आधार पर हुआ, जिसमें अवार्ड 50000 रुपए का प्राप्त हुआ।
वैवाहिक प्रकरणों के निराकरण के लिए 55 प्रकरण रखे गये जिसमें से 2 राजीनामा के आधार पर निराकृत हुए। इसी तरह प्रीलिटिगेशन स्तर पर बैंक रिकवरी के 1598 प्रकरणों में से 55 निराकृत हुए तथा 7572500 रूपये की राशि बैंकों में जमा हुई। नगर पालिका के जलकर के 146 प्रकरण निराकृत हुये और 313126 रुपए की वसूली की गई। विद्युत विभाग के कुल 56 प्रकरणों का निराकरण किया गया तथा 523015 रुपए का अवार्ड प्राप्त हुआ।
मिलती है नि:शुल्क कानूनी सहायता
लोक अदालत को संबोधित करते हुए प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुधीर कुमार चैधरी ने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से पक्षकारों को सस्ता न्याय मिलता है, जिससे उनका पैसा, समय की बचत होती है। लोक अदालत समाज के वंचित और कमजोर वर्गों को नि:शुल्क कानूनी सहायता प्रदान करता है और सामान्य अवसर प्रदान करते हुए न्याय को बढ़ावा देता है। इस दौरान जितेन्द्र कुमार बाजौलिया सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष पुष्पराज सिंह, विशेष न्यायाधीश/तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामसहारे राज, वर्षा भाटी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, वीणा खलखो द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खण्ड उमरिया, आशीष धुर्वे प्रथम व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खण्ड उमरिया, मोहन डावर तृतीय व्यवहार न्यायाधीश मौजूद रहे।
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