scriptworld first vaidik clock : 1 मार्च से 60 नहीं 48 मिनट का होगा एक घंटा, 30 घंटे का होगा एक दिन | world first vaidic clock pm modi inaugurated based on vikram panchang interesting facts | Patrika News
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world first vaidik clock : 1 मार्च से 60 नहीं 48 मिनट का होगा एक घंटा, 30 घंटे का होगा एक दिन

World first vaidic watch : अगर आप भी सोचते हैं कि दिनभर में 24 घंटे आपके काम के लिए कम पड़ जाते हैं, तो ये खबर आपको खुश कर सकती है। क्योंकि इस खबर के बाद आप जानेंगे कि एक मार्च से कैसे आपको 24 नहीं बल्कि 30 घंटे मिलेंगे…जरूर पढ़ें ये इंट्रेस्टिंग खबर…

उज्जैनFeb 27, 2024 / 01:55 pm

Sanjana Kumar

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World first vaidic watch : बाबा महाकाल की नगरी में बनी देश की पहली डिजिटल वैदिक घड़ी का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 फरवरी को करेंगे। पीएम मोदी इस दिन प्रदेश 230 विधानसभाओं में आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से जुड़ेंगे। इसी में मुख्य कार्यक्रम वैदिक घड़ी का लोकार्पण रहेगा। विक्रम संवत पर आधारित ये पहली डिजिटल वैदिक घड़ी दुनिया भर में चर्चा का विषय बनी हुई है…आप भी जानें पहली डिजिटल वैदिक घड़ी की खासियत….

 

नगर निगम ने वेधशाला के पास 2.46 करोड़ से बने चार मंजिला टॉवर पर स्थापित डिजिटल वैदिक घड़ी को पूर्व में 1 मार्च को विक्रमोत्सव के शुभारंभ के साथ लोकार्पित होना था। अब इसमें बदलाव कर 29 फरवरी की तारीख तय की है। फिलहाल घड़ी के टॉवर पर लगने के बाद इसकी टेस्टिंग की प्रक्रिया चल रही है। इंजीनियरों के माध्यम से घड़ी को विभिन्न सॉफ्टवेयर से जोड़ा जा रहा है। यह काम 28 फरवरी तक पूरा हो जाएगा। निगमायुक्त आशीष पाठक ने बताया कि पीएम मोदी 29 फरवरी को वर्चुअल रूप से वैदिक घड़ी का लोकार्पण करेंगे।

वैदिक घड़ी भारतीय गणना के मान से चलेगी। इसमें 48 मिनट का एक घंटा रहेगा। इस 48 मिनट को आवृत्ति कहते हैं। सूर्योदय से सूर्यास्त तक ऐसी 30 मुहूर्त रहेंगे। इंजीनियर शिशिर गुप्ता ने बताया कि घड़ी के माध्यम से चौघड़िया, शुक्ल पक्ष, तीज-त्योहार तक की जानकारी मिल पाएगी। यह घड़ी एक तरह से भारतीय कैलेंडर रहेगा, जो विक्रमादित्या के विक्रम संवत पर आधारित है।

12 ज्योतिर्लिंग में से एक महाकालेश्वर की नगरी उज्जैन हमेशा से काल गणना का केंद्र रही हैं। यहां से कर्क रेखा गुजरी है और मंगलग्रह का जन्म स्थान भी इसे ही माना जाता है। यहीं से विक्रम संवत की शुरुआत होने से पूरी दुनिया में विक्रम संवत के नाम से कैलेंडर और मुहूर्त संचालित किए जाते हैं। इसलिए दुनिया की पहली ऐसी वैदिक घड़ी जीवाजीराव वेधशाला में लगाई गई है। दुनिया की ये पहली वैदिक घड़ी जीवाजीराव वैधशाला में 80 फीट ऊंचे टावर पर लगाई गई है।

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