लोकेशन दिखेगी, मकान-भूखंड क्रमांक नहीं
क्यूआर कोड की नई व्यवस्था से प्राधिकरण के मकान-भूखंड की लोकेशन भर दिखेगी। इसमें मकान-भूखंड के क्रमांक नहीं दिखेंगे। इसके लिए हितग्राहियां को मौके पर जाकर ही भूखंड की स्थिति जानना पड़ेगी। वहीं अधिकारी बता रहे हैं कि लोकेशन पसंद आने पर ही लोग मकान-भूखंड खरीदने का मन बनाते हैं। यदि लोकेशन जमती है तो खरीदार यूडीए कार्यालय या स्पॉट पर जाकर स्थिति देख सकते हंै।
यह होगा फायदा
– भूखंड व मकान खरीदने के इच्छुक को अब लोकेशन देखने के लिए मौके पर नहीं जाना पड़ेगा। गूगल मैप से ही योजना दिख जाएगी।
– आवासीय योजना कहां पर मौजूद है और यहां कैसे पहुंचा जा सकता है यह स्पष्ट हो जाएगा।
– गूगल मैप के माध्यम से आवासीय योजना के आसपास स्थित कॉलोनी व अन्य मुुख्य मार्गों को देखा जा सकेगा।
– खासकर शहर के बाहर रहने वाले लोग भी क्यूआर कोड से आवासीय प्रोजेक्ट को जान सकेंगे।
इनका कहना
प्राधिकरण के मकान-भूखंड बेचने की विज्ञप्ति में अब क्यूआर कोड भी रहेगा। इस क्यूआर कोड को स्कैन कर लोग योजना की लोकेशन देख सकेंगे। प्रदेश में इसकी शुरुआत यूडीए से ही की जा रही है।
– आरसी वर्मा, अधीक्षण यंत्री, यूडीए