दरअसल सावन के तीसरे सोमवार पर महाकाल की तीसरी सवारी में इस बार
उज्जैन में भक्तों के साथ ही डमरू बजाने वाला विशेष दल भी शामिल होगा। ये दल एक साथ 1000 डमरू बजाएगा। 1000 डमरुओं की आवाज से पूरी महाकाल नगरी गूंज उठेगी। इसके साथ ही भस्म आरती (Bhasm Arti) की धुन पर 15 मिनट तक ये प्रस्तुति दी जाएगी।
मोक्षदायिनी शिप्रा के तट पर होगी भव्य आयोजन
1000 डमरू और भस्म आरती की धुन पर 15 मिनट का ये भव्य आयोजन मोक्षदायिनी शिप्रा नदी के तट पर किया जाएगा। यहां रामघाट समेत पूरा उज्जैन डमरू और भस्म आरती की धुन से गूंज उठेगा। दिया जा रहा प्रशिक्षण
एमपी के इस नए विश्व रिकॉर्ड को बनाने की तैयारी के लिए मंगलवार को महाकाल मंदिर समिति की बैठक में प्रस्तुति का स्वरूप तय कर लिया गया है। कार्यक्रम को विश्व स्तरीय बनाने के लिए भस्म रमैया भक्त मंडल की ओर से अन्य वादकों को तीन दिन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
5 किमी तक होगा महाकाल सवारी का मार्ग
समिति के पदाधिकारियों के अनुसार आयोजन के लिए विशेष डमरू दल महाकाल की तीसरी सवारी में शामिल होगा। देश-विदेश से आने वाले भक्तों को पांच किलोमीटर लंबे सवारी मार्ग पर शिव के प्रिय वाद्यों की मंगल ध्वनि सुनाई देगी। एक जैसी गणवेश में झांझ और डमरू बजाते दिखेंगे भक्त।