बेटी नहीं इस घर में आई है साक्षात लक्ष्मी, परिवार ने राह में बिछाए फूल, खुशी से झूम उटा पूरा मोहल्ला
परिवार ने अपने घर को इसलिए दुल्हन की तरह सजा लिया, क्योंकि आज उनके घर में एक बेटी का स्वागत किया जा रहा था। यही नहीं, अस्पताल से छुट्टी होकर जिस रास्ते से मां और बेटी घर आ रहे थे। परिवार ने उस रास्ते पर ही फूल बिछा दिए।
मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में बेटी के जन्म पर एक अनोखा नजारा देखने को मिला। यहां एक परिवार ने अपने घर को इसलिए दुल्हन की तरह सजा लिया, क्योंकि आज उनके घर में एक बेटी का स्वागत किया जा रहा था। यही नहीं, अस्पताल से छुट्टी होकर जिस रास्ते से मां और बेटी घर आ रहे थे। परिवार ने उस रास्ते पर ही फूल बिछा दिए। इस दौरान बेटी के परिवार के साथ उनके परिजन और मोहल्ले वालों ने ढोल-ताशे बजाते हुए जमकर जश्न मनाया। परिवार का कहना है कि जब से हमें बेटी के आने के बारे में पता चला था तभी से परिवार के हर सदस्य बेटी ही चाहता था।
उज्जैन के मालवीय परिवार में इस बेटी का जन्म हुआ है। इंदौर रोड पर स्थित गांधी नगर इलाके में रहने वाले परिवार ने नवजात बेटी और उसकी मां का अनोखा स्वागत किया। इस दौरान सिर्फ एक परिवार नहीं, बल्कि पूरे मोहल्ले ने एक साथ मिलकर बेटी का स्वागत किया। पूरे मोहल्ले वासियों ने एक साथ मिलकर मालवीय परिवार का घर गुब्बारे और फूलों से सजाया। यही नहीं, जैसे ही मां और बेटी अपने घर पहुंची पूरे मोहल्ले ने परिवार के साथ मिलकर नाचते गाते बेटी का घर में स्वागत किया।
बच्ची के पिता मनीष मालवीय का कहना है कि बेटी के जन्म पर उनका पूरा परिवार खुशी से झूम रहा है। आज हमारे घर मे बेटी के रूप में मां लक्ष्मी पधारी हैं। मालवीय परिवार बेटी का स्वागत कर अपनी खुशियां तो जाहिर कर ही रहा है, साथ ही समाज को संदेश भी दे रहा है कि बेटियां परिवार पर बोझ नहीं होती, बल्कि परिवार की सदस्य और खुशियों के साथ सौभाग्य लाने वाली होती हैं।
मनीष ने ये भी बताया कि बेटी के घर में आते ही सबसे पहले घर वालों ने उसके पैर दूध से धुलाकर पूजन किया। बेटी के जन्म पर उसके मामा रुपेश मालवीय और राहुल ने कहा कि हम भगवान के शुक्रगुजार हैं कि उन्होंने हमारे घर में बेटी दी। हम लंबे समय से अपने घर में बेटी की चाहत थी। इसके लिए हमने शहर के लगभग सभी धार्मिक स्थलों पर जाकर भगवान से प्रार्थना तक की थी और अब भगवान ने हमारी सुन ली है।
परिवार ने ऐसा करके समाज को बेटा-बेटी के एक समान होने का संदेश दिया है। आज बेटियां भी देश-दुनिया के किसी भी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं हैं। मालवीय परिवार का ये उत्साही काम पूरे समाज को संदेश दे रहा है कि बेटी है तो कल है। कन्या भ्रूण हत्या पाप है। बेटी दो घरों को जोड़ती है, वो जीवन भर सबका सुख और मान बढ़ाने का ही प्रयास करती रहती है।
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