उज्जैन. श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी पर नागपंचमी का पर्व मनाया जाता है. इस बार 13 अगस्त यानि शुक्रवार को यह त्यौहार मनाया जा रहा है। इस दिन नागदेव की पूजा की परंपरा है। महाकाल मंदिर के गर्भगृह के ऊपर शीर्ष पर स्थित नागचन्द्रेश्वर मंदिर में पूजन के लिए देशभर से लोग आते हैं पर इस बार दर्शन और पूजन प्रतिबंधित है। हालांकि प्रतिबंध के बाद भी नागचंद्रेश्वर के दर्शन—पूजन के लिए भक्त लालायित हैं।
live darhan शहर में एलइडी पर लाइव दर्शन की व्यवस्था की गई है जोकि दिनभर चलेगी। कोरोना गाइड लाइन के मद्देनजर केवल लाइव ऑनलाइन दर्शन ही हो सकेंगे। इस मंदिर में 11 वीं शताब्दी की प्रतिमा स्थापित है। खास बात यह है कि इस मंदिर के पट वर्ष में केवल एक बार नागपंचमी पर 24 घंटे के लिए खुलते हैं। रात 12 बजे मंदिर के पट खुले और महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरि महाराज द्वारा प्रथम पूजा की गई।
नागपंचमी के मौके पर मंदिर की विशेष साज—सज्जा की गई है। इस बार मंदिर को तीन रंगों से सजाया गया है। रात में आकर्षक लाइट व्यवस्था के कारण मंदिर दूर से ही नजर आ रहा था, दूर—दूर से भक्त इस नजारे को देखने पहुंचे थे. महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा हरसिद्धि चौराहे, अन्नक्षेत्र, टनल आदि प्रमुख स्थानों पर एलईडी स्क्रीन लगाई गई है ताकि भक्त दर्शन कर सकें।
आज दोपहर 12 बजे श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष कलेक्टर आशीष सिंह यहां शासकीय पूजा करेंगे. सायं आरती के बाद श्री नागचन्द्रेश्वर भगवान की पूजा और आरती होगी। पूजन के बाद रात्रि 12 बजे मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे जोकि सालभर बंद रहेंगे।