मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड के भवन में धर्मस्व विभाग के राज्य कार्यालय का उद्घाटन किया।
उज्जैन के स्मार्ट सिटी के कार्यालय में धर्मस्व विभाग का मुख्य प्रादेशिक ऑफिस बनाया गया है जहां से अब प्रदेश के सभी मंदिरों का प्रबंधन का काम किया जाएगा।
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मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि आज के दिन नया अध्याय लिखा जा रहा है, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व संचालनालय का कार्यालय उज्जैन में खोला जा रहा है।
बाबा महाकाल के महालोक की तरह सलकनपुर, ओरछा, दतिया और ओंकारेश्वर के देव स्थानों पर विकास के नए कार्य किए जाएंगे। मंदिर से जुड़ी हुईं देव स्थानों का भूमि अलग-अलग स्थानों पर हैं, इन भूमियों का बेहतर प्रबंधन हो, इसके लिए यह कार्यालय बड़ी भूमिका अदा करेगा।
संचालनालय का कार्यालय खुलने के साथ हमने निर्णय किए हैं कि भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण के चरण प्रदेश के जिन स्थानों पर पड़े हैं, वे स्थान तीर्थ के रूप में विकसित करेंगे।
बता दें कि 1 जुलाई को ही प्रदेश के धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के मुख्यालय को राजधानी भोपाल से उज्जैन स्थानांतरित करने की अधिसूचना जारी कर दी गई थी। तब उज्जैन संभागायुक्त संजय गुप्ता को विभाग का संचालक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।
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प्रदेश का धर्मस्व विभाग राज्य में धर्म और मंदिर संबंधित सभी मुद्दों की मानीटरिंग करता है। विभाग का सालाना बजट 100 करोड़ रुपए का है। प्रदेश में मंदिरों के जीर्णोद्धार, पुजारियों की नियुक्ति और मानदेय वितरण का काम भी धर्मस्व विभाग ही करता है। इसके साथ ही मप्र में धर्मशाला का निर्माण भी विभाग कराता है। धर्मस्व विभाग प्रदेश के सभी तीर्थ-स्थलों और प्रसिद्ध मेलों के लिए अनुदान देता है।