मां-बेटे के अटूट प्रेम की दास्ता का उज्जैन जिले का झुटावद गांव गवाह बन गया। बेटे के जन्म से जुड़ा ममत्व का रिश्ता दोनों के एक साथ दुनिया से रुखसत होने के साथ मिसाल बन गया। अब हर कोई इस अटूट प्रेम की चर्चा कर रहा है।
झुटावद गांव के रहने वाले 60 साल के जुझारलाल राठौर को सीने में दर्द उठा था। परिवार के लोग उन्हें अस्पताल लेकर गए। लेकिन, हार्ट अटैक से डाक्टर भी उन्हें नहीं बचा पाए। जब बेटे के निधन की खबर मां तक पहुंच गई तो 100 साल की मां कावेरीबाई ये अवाक रह गई। परिवार के लोगों ने बताया कि बेटे की मौत की बात सुनकर मां पथरा सी गई थी और सिर पकड़कर बैठ गईं। वो कुछ बोल नहीं रही थी। काफी देर तक वो सिर पर हाथ पकड़कर बैठी रही।
परिवार के लोग कुछ समझ पाते कि बेटे के दुख में मां सिर पकड़कर बैठ गई हैं, लेकिन जैसे ही मां को हिलाया तो पता चला कि मां की सांसें थम चुकी थीं। मां और बेटे की मौत की सूचना जिसे भी मिली वो दोनों के अटूट प्रेम की चर्चा करने लगा। घर से दोनों की एक साथ अर्थी उठी, एक साथ ही दाह संस्कार हुआ, तो पूरा गांव गमगीन हो गया था।
एक को दर्द तो दूसरा कराहता था
महिदपुर रोड के पास स्थित ग्राम झुटावद के ग्रामीण कहते हैं कि कावेरीबाई की आयु 100 साल हो चुकी थी। वह बेटे जुझारलाल से बहुत प्रेम करती थी। इतना ही प्रेम जुझारलाल को भी मां से था। दोनों के प्रेम को लेकर परिवार कहता है कि इतना प्रेम था कि एक को दर्द होता था तो दूसरा कराह उठता था।
छतरपुर में भी हुआ था ऐसा वाकया
हाल ही में छतरपुर में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था। जिसमें पोते की मौत की खबर सुनकर दादा को हार्ट अटैक आ गया था। एक साथ दोनों की अर्थी उठी थी।