आखिरी वक्त तक नहीं छोड़ा मां का हाथ, मां के साथ ही विदा हुआ दस साल का मासूम बेटा अन्य जिलों से भी कावड़ यात्री नहीं आए इसके लिए भी कलेक्टरों को पत्र लिखेंगे। वहीं जिला प्रशासन ने एक अन्य निर्णय में श्रावण मास में बाबा महाकाल की निकलने वाली सवारी पिछले वर्ष की तरह छोटे रूट (हरसिद्धि मार्ग) से ही निकाली जाएगी। इस दौरान प्रयास होंगे की लोगों की भीड़ एकत्र न हो। जिला प्रशासन ने धर्मस्थलों पर 50 से ज्यादा लोगों को एक समय में मौजूद रहने पर भी रोक लगा दी है।
पहले दुल्हन के प्रेमी को गोली मारी, फिर दूल्हे ने लिए सात फेरे मंदिरों में दर्शन तो होंगे लेकिन किसी तरह के आयोजन या बड़ी संख्या में एकत्र होने पर प्रतिबंध रहेगा। प्रभारी कलेक्टर के मुताबिक धारा 144 के तहत पूर्व में ही किसी धार्मिक व सांस्कृतिक आयोजन पर पहले ही रोक लगा रखी है। दरअसल आने वाले दिनों में गुरु पूर्णिमा के चलते मंदिरों में भीड़ न हो इसके चलते भी यह निर्णय लिया गया है।