बाबा बमबमनाथ पिछले 15 साल से महाकाल की शाही सवारी में होने वाले खर्च उठा रहे हैं। इस तरह वे शाही सवारी पर करोड़ों रुपए खर्च कर चुके हैं. अघोरी बाबा के पास इतना धन कैसे आ जाता है? पूछने पर बाबा कहते हैं— सब बाबा महाकाल की माया है. वे ही कराते हैं, हमें तो बस जो आदेश मिलता है, उसको पूरा करना रहता है। बमबमनाथ महाकाल के बड़े अनन्य भक्त हैं। वे रोज सुबह महाकाल के दर्शन करने जाते हैं।
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शिवभक्तों के लिए उनका हाथ हमेशा खुला रहता है. सावन में महीने भर भंडारा चलाते हैं. कांवड यात्रा के लिए तो हर तरह का इंतजाम करते हैं। कावड़ियों के आने-जाने से लेकर उनके ठहरने, खाने और यहां तक कि जरूरत होने पर दवा तक का प्रबंध बाबा की ओर से ही किया जाता है. बमबमनाथ पूर्ण रूप से अघोरी बाबा हैं, चिलम पीते हैं और तांत्रिक क्रियाएं भी करते हैं।