आपको बता दें कि, नागचंद्रेश्वर महादेव 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक भगवान महाकालेश्वर मंदिर के दूसरे तल पर स्थित हैं। इस मंदिर के पट साल में सिर्फ एक बार मात्र 24 घंटे के लिए खोले जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि, नागचंद्रेश्वर महादेव के दर्शन मात्र से ही सारे दुख-दर्द और कालसर्प दोष का स्थायी निवारण हो जाता है। भगवान नागचंद्रेश्वर का आशीर्वाद पाने देशभर से भक्त नाग पंचमी के दिन उज्जैन पहुंचते हैं।
नागपंचमी और सोमवार का दुर्लभ संयोग
इस बार सावन का तीसरा सोमवार और नाग पंचमी एक साथ पड़ रही है। इस वजह से जिला प्रशासन और मंदिर समिति को व्यापक पैमाने पर तैयारी कर रही है। उज्जैन कलेक्टर और महाकालेश्वर मंदिर समिति अध्यक्ष आशीष सिंह का कहना है कि, इस साल नाग पंचमी और सावन के सोमवार का दुर्लभ संयोग है। उन्होंने इस बार सुखद और दुर्लभ संयोग को देखते हुए पांच लाख श्रद्धालुओं के उज्जैन पहुंचने की संभावना जताई है। उनका कहना है कि, इस बार नागचंद्रेश्वर महादेव के दर्शन के लिए एक विशेष पुल बनाया गया है। इस पुल पर श्रद्धालुओं को भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन कराए जाएंगे। इससे पहले भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए सीढ़ी से चढ़कर ऊपर जाना पड़ता था।
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नाग पंचमी पर ये होगी नागचंद्रेश्वर में दर्शन की व्यवस्था
इस संबंध में कलेक्टर आशीष सिंह ने दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं से वाहन पार्किंग के संबंध में विशेष रूप से अपील की है। उन्होंने बताया कि, इंदौर, देवास, मक्सी, बड़नगर, आगर रोड से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग मार्गों पर पार्किंग की व्यवस्था है। चारपहिया वाहनों को मंदिर से दूर ही खड़ा करवाया जाएगा। इसके बाद श्रद्धालु पैदल ही मंदिर जा सकेंगे। सावन के तीसरे सोमवार को भगवान महाकाल की सवारी भी निकलेगी। ऐसे में भीड़ प्रबंधन के विशेष इंतजाम चल रहे हैं। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि, वो अपने साथ अधिक सामान न लाएं। साथ ही कीमती सामान पहनकर न आने की भी अपील की गई है।
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