पंडित जगदीश शर्मा के अनुसार वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का प्रवेश द्वार सबसे महत्वपूर्ण स्थान होता है। यही से प्रवेश करते समय घर की सकारात्मकता और नकारात्मकता का पता चल जाता है। यह घर का वो स्थान होता है, जिससे महालक्ष्मी घर में प्रवेश करती है। इसलिए वास्तुविदों के मुताबिक प्रवेश द्वार सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण होना चाहिए। भारतीय संस्कृति में कुछ आसान बातों को ध्यान में रखकर आप अपने घर का वास्तु सुधार सकते हैं और घर में सुख, शांति और समृद्धि को बापस ला सकते हैं। आइए जानते हैं क्या हैं वे उपाय….
घर के मुख्य द्वार पर ये काम जरूर करें
अगर आप साक्षात लक्ष्मी का आगमन आपके घर चाहते हैं तो सुबह सबसे पहले अपने हाथों की हथेलियों को देखकर माता लक्ष्मी और नारायण का स्मरण करें। इसके बाद स्नान ध्यान करके घर के मुख्य द्वार को खोले और दरवाजे पर गंगाजल और हल्दी के जल का छिड़काव करें। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। जब घर सकारात्मक ऊर्जा से भरने लगता है तो सुख, शांति आने लगती है जिससे आपका भाग्य बदलने लगता हैं।
मुख्य द्वार पर स्वस्तिक
भारतीय संस्कृति में स्वास्तिक चिंह का विशेष महत्व है। अगर आपके घर के मेन गेट पर स्वस्तिक का चिन्ह बना है तो आपके लिए सब शुभ होने लगेगा। अगर नहीं है तो इसे अवश्य बनाना चाहिए। घर के मुख्य दरवाजे पर स्वस्तिक होने से माता लक्ष्मी का आगमन होने लगता है। लक्ष्मी मां को सम्रद्धि की अधिष्ठात्री देवी हैं। वास्तुशास्त्र के अनुसार जिस पैसों की तंगी से परेशान लोगों को अपने घर के दरवाजे को लाल या मेहरून रंग से पुताई कराना चाहिए। रंगों के प्रभाव से भी ऊर्जा सकारात्मक ऊर्जा में बदल जाती है।