नंदी दरअसल धर्म के प्रतीक हैं और मान्यता है कि नंदी के दोनों सींअ पर हाथ रखकर इस तरह दर्शन करने से महाकाल के पूर्ण दर्शन हो जाते हैं। यहां से वे महाकाल मंदिर के मुख्य पुजारी पं. घनश्याम शर्मा के आश्रम पर पहुंचे। इसके बाद वे शिप्रा तट पहुंचे जहां पूर्णिमा के अवसर पर उन्होंने परिवार के साथ रामघाट पर शिप्रा नदी में दीपदान भी किया। इसके बाद वे इंदौर के लिए रवाना हो गए।
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इससे पहले भी गुरुवार शाम को उन्होंने मंदिर पहुंचकर महाकाल के दर्शन किए. वे परिजनों के साथ नंदी हाल में बैठे और सायं आरती में भी शामिल हुए. इसके बाद सीजेआइ रामन्ना बोले— मैं महाकाल के दर्शन कर अभिभूत हो गया. यहां आने के पहले इंदौर एयरपोर्ट पर उन्हें गार्ड आफ आनर भी दिया गया.