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शत्रुओं को शांत करने का सबसे अच्छा मौका, भगवान कालभैरव की दो दिन ऐसे करें पूजा

खास बात यह है कि शत्रु यदि सिर उठा रहे हों तो कालभैरव पूजन से वे शांत हो जाते हैं. शहर का काल भैरव मंदिर दुनियाभर में विख्यात है. यहां काल भैरव जयंती पर दो दिनी आयोजन किए जा रहे हैं.

उज्जैनNov 16, 2022 / 03:32 pm

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काल भैरव जयंती पर दो दिनी आयोजन

उज्जैन. भगवान काल भैरव महादेव के उग्र अवतार माने जाते हैं. मान्यता है कि जो भैरवनाथ की आराधना करता है उसे जीवन में कोई संकट नहीं सताता. स्वंय काल भैरव उसकी रक्षा करते हैं. बुरी शक्तियों से छुटकारा पाने के लिए कालभैरव पूजा सबसे अच्छी मानी जाती है. सबसे खास बात यह है कि शत्रु यदि सिर उठा रहे हों तो कालभैरव पूजन से वे शांत हो जाते हैं. शहर का काल भैरव मंदिर दुनियाभर में विख्यात है. यहां काल भैरव जयंती पर दो दिनी आयोजन किए जा रहे हैं.

भैरव अष्टमी पर्व पर विश्व प्रसिद्ध काल भैरव मंदिर में 16 व 17 नवंबर को 2 दिनी जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। मुख्य पुजारी धर्मेंद्र सदाशिव चतुर्वेदी ने बताया 16 को ब्रह्म मुहूर्त में भैरवनाथ का अभिषेक पूजन किया गया और अब शाम 6 बजे हवन किया जाएगा। रात 9 बजे आरती के बाद भैरव सहस्त्र नामावली से अभिषेक किया जाएगा। रात 12 बजे महाआरती की जाएगी। 17 नवंबर को सुबह 9 बजे आरती होगी। शाम 4 बजे पालकी पूजन के बाद भगवान कालभैरव की सवारी निकाली जाएगी।
पालकी पूजन के लिए कलेक्टर व अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहेंगे।

ज्योतिषविदों और पंडितों ने बताया कि मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को काल भैरव जयंती मनाई जाती है. इसे कालाष्टमी भी कहते हैं. खास बात यह है कि इस बार कालाष्टमी दो दिन मनाई जा रही है. अष्टमी तिथि 16 नवंबर को सुबह 05. 49 बजे प्रारंभ होकर 17 नवंबर को सुबह 07.57 बजे तक रहेगी. यानि 16 और 17 नवंबर दोनों दिन कालभैरव भगवान की प्रसन्नता के लिए विशेष पूजन कर सकते हैं. इस बार काल भैरव जयंती बेहद शुभ संयोग लेकर आ रही है.

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