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मां गढ़कालिका के दरबार में श्यामलादंडकम पाठ, 500 विद्यार्थी एक साथ करेंगे वागर्चन

66th All India Kalidas Festival: 66वां अखिल भारतीय कालिदास समारोह : परंपरा को नव पीढ़ी तक पहुंचाने का नवाचार, महाकवि कालिदास की आराध्या हैं गढ़कालिका, पूर्वरंग से होगी शुरुआत, 12 को उपराष्ट्रपति करेंगे विधिवत शुभारंभ

उज्जैनNov 10, 2024 / 09:44 am

Sanjana Kumar

All india Kalidas Festival 2024
All India Kalidas Festival 2024: 66वें अखिल भारतीय कालिदास समारोह के पूर्वरंग में रविवार 10 नवंबर को सुबह 9 बजे महाकवि कालिदास की आराध्या देवी मां गढ़कालिका के मंदिर में 500 से अधिक विद्यार्थी वागर्चन करेंगे।
कालिदास संस्कृत अकादमी के निदेशक डॉ. गोविन्द गन्धे ने बताया कि नव पीढ़ी तक कालिदास और सांस्कृतिक पहुंचाने के लिए 500 से अधिक छात्र-छात्राएं परम्परानुसार गढ़कालिका मंदिर पर श्यामलादण्डकम् का पाठ किया जाएगा। समारोह में संस्कृत विद्वान विक्रम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. बालकृष्ण शर्मा, महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष डॉ. तुलसीदास परौहा, डॉ. उपेन्द्र भार्गव, डॉ. महेन्द्र पण्ड्या, डॉ. गोपाल शुक्ल और डॉ. श्रेयस कोराने आदि उपस्थित रहेंगे।

11 नवंबर को कलश यात्रा, 12-18 नवंबर तक समारोह का आयोजन

11 नवंबर को सुबह 9 बजे रामघाट से मंगल कलश यात्रा निकाली जाएगी। कालिदास अकादमी के मुक्ताकाशी मंच पर शाम 7 बजे नान्दी-भक्ति संगीत कार्यक्रम में सुरों की वर्षा होगी।

12 से 18 नवंबर तक आयोजित होगा समारोह

66वां अखिल भारतीय कालिदास समारोह 12 से 18 नवंबर तक आयोजित होगा। 12 नवंबर को विधिवत शुभारंभ शाम 4 बजे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव करेंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रम शाम 7 बजे से आरंभ होंगे। अकादमी सहित शहर के प्रमुख स्थलों पर साफ-सफाई व रंगाई-पुताई की जा रही है।
13 नवंबर को सुबह 10 बजे महाकवि कालिदास के साहित्य में पंच महाभूत विमर्श पर आधारित राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का प्रथम सत्र, दोपहर 2 बजे विक्रम विश्वविद्यालय के अंतर्गत राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी और शाम 5 बजे पं. सूर्यनारायण व्यास व्याख्यानमाला का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद शाम 7 बजे शास्त्रधर्मी शैली पर आधारित तथा पारम्परिक शैली से अनुप्रेरित नृत्य नाटिका का प्रस्तुतिकरण किया जाएगा।


यहां जानें किस दिन, क्या होंगे आयोजन?

  • 14 नवंबर को सुबह 10 बजे – राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का द्वितीय सत्र, दोपहर 2 बजे विक्रम विश्वविद्यालय के अंतर्गत संगोष्ठी का द्वितीय सत्र, शाम 05 बजे व्याख्यान माला कुटुम्ब व्यवस्था का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद शाम 7 बजे हिन्दी नाटक वसन्त सेना का प्रस्तुतिकरण किया जाएगा।
  • 15 नवंबर को सुबह 10 बजे राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का तृतीय सत्र, दोपहर 2 बजे विक्रम विश्वविद्यालय के अंतर्गत संगोष्ठी का तृतीय सत्र, शाम 05 बजे व्याख्यान माला- कालिदास का पर्यावरण चिंतन, इसके पश्चात शाम 07 बजे लोक गायन और नाटक अभिज्ञान शाकुन्तलम् की प्रस्तुति दी जाएगी।- 16 नवंबर को सुबह 10 बजे संस्कृत कवि समवाय का आयोजन किया जाएगा। दोपहर 02 बजे अन्तर्विश्वविद्यालयीन संस्कृत वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद शाम 7 बजे लोक नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी।
  • 17 नवंबर को सुबह 10 बजे अन्तर महाविद्यालयीन कालिदास काव्य पाठ का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद दोपहर 02 बजे अन्तर महाविद्यालयीन हिन्दी वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। शाम 07 बजे शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति दी जाएगी।
  • 18 नवंबर को समारोह का समापन कार्यक्रम शाम साढ़े चार बजे से किया जाएगा। इसके बाद शाम 07 बजे शास्त्रीय शैली में वादन का आयोजन किया जाएगा।
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