इस वर्ष पक्षियों के लिए पर्याप्त भोजन उपलब्ध है, जिससे प्रवासी पक्षियों का आना निरंतर जारी है। आगामी दिनों में इनकी संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि होने की संभावना है। जल्द ही पेलिकन, बार हेडेड गूज़, जैसे बड़े पक्षियों के आगमन से पक्षी प्रेमियों के लिए दृश्य और अधिक रोमांचक हो जाएगा। अभी धंड तालाब पर नॉर्दन शोवलर, पिनटेल, कॉमन टील, कॉमन कूट, ग्रीन बी ईटर, ब्लैक विंग्ड स्टिल्ट, कॉमन सैंड पाइपर, गॉडविट, केंटिश प्लोवर, लिटिल रिंग्ड प्लोवर, लैसरसेंड प्लोवर, गार्गेनी, कॉमन पोचार्ड, रडी शेल्डक, रिवर टर्न, कॉरमोरेंट, हेरॉन, पाइड किंगफिशर, स्पॉट बिल्ड डक्स, ब्लैक शोल्डर्ड काइट, पाइड एवोसेट, शिकरा, मार्श हैरियर, इजिप्शियन वल्चर सहित देसी-विदेशी पक्षी देखे जा सकते है।
4-5 महीने तक मेनार तालाबों पर ही बसेरा
मेनार के दोनों जलाशयों पर भोजन की प्रचुरता के कारण ये पक्षी प्रतिवर्ष यहां आते हैं। मेनार क्षेत्र में किसी भी जलाशय पर मछलीपालन नहीं होता और इन जलाशयों के पानी को सिंचाई के लिए उपयोग में नहीं लिया जाता। प्रवासी पक्षियों का आगमन अक्टूबर माह में आरंभ होता है और नवंबर के अंत तक जारी रहता है। कुछ पक्षी दिसंबर महीने में भी यहां पहुंचते हैं। इनका प्रस्थान यहां की परिस्थितियों पर निर्भर करता है, और आमतौर पर ये मार्च-अप्रैल माह में चले जाते हैं। शीत ऋतु के दौरान ये करीब 4 से 5 महीने यहां निवास करते है, और केवल भोजन की तलाश में यहां आते है।