पैंथर को केलवो का खेड़ा में अंतिम बार गुरुवार को देखा गया, जब उसने दो जनों पर हमला करने की कोशिश की थी। घटना के बाद हुए 48 घंटे में पैंथर का मूवमेंट नहीं दिखा। शनिवार को स्पेशल ऑपरेशन के तहत पैंथर के सर्च अभियान में लगी टीमों की संख्या को बढ़ाया गया हैं। वहीं मूवमेंट को कैच करने ट्रैप फ़ोटो कैमरा की संख्या भी बढ़ाई हैं।
मौके पर पूरे ऑपरेशन को इमरजेंसी रेस्पॉन्स टीम संभाल रही
मौके पर सर्च ऑपरेशन को इमरजेंसी रेस्पॉन्स टीम संभाल रही है। सीसीएफ वाइल्डलाइफ जयपुर टी. मोहन राज टीम को लीड कर रहे हैं। टीम में सरिस्का फील्ड डायरेक्टर संग्राम सिंह और रामगढ़ विषधारी डीसीएफ संजीव शर्मा हैं। पहली टीम रविवार तक गोगुंदा में ऑपरेशन को अंजाम देगी।
जिसके बाद सोमवार से दूसरी टीम 9 अक्टूबर तक स्पेशल ऑपरेशन चलाएगी। दूसरी टीम में एपीसीएफ वाइल्ड लाइफ राजेश गुप्ता, रणथंभौर के फील्ड डायरेक्टर अनूप केआर और केवलादेव नेशनल पार्क भरतपुर के डीसीएफ मानस सिंह शामिल हैं। ये 7 अक्टूबर को गोगुंदा आएंगे।
वन विभाग और संयुक्त टीमों का भी सर्च जारी
पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीमों का भी सर्च अभियान जारी है। 13 टीमें सर्च अभियान के तहत जंगल में पैंथर की तलाश कर रही हैं। वही 12 शूटर लगे हैं, वन विभाग के एक रेंजर इन टीमों का नेतृत्व कर रहे हैं। इन टीमों में वनकर्मी पुलिस वह स्थानीय लोग भी शामिल हैं। पूरे ऑपरेशन के संचालन के लिए पांच ग्रुप बनाए हैं। इसकी जिम्मेदारी क्षेत्रीय वन अधिकारी उत्तर के एक-एक अवसर संभाल रहे हैं।
काकण का गुढ़ा में पैंथर की सूचना पर पहुंची टीम, निकला जरख
काकण का गुढ़ा में ग्रामीणों ने पैंथर दिखाई देने की सूचना दी। जिसके बाद पुलिस प्रशासन और वन विभाग की टीम पहुंची। मौके पर जाकर सर्च अभियान शुरू किया गया। थोड़ी देर बाद वहां जरख दिखा। जिसके बाद प्रशासन, वन विभाग ने राहत की सांस ली।
इनका कहना है
पैंथर का मूवमेंट नही देखा गया है, जंगल में पग मार्क नजर नहीं आए हैं। टीमें लगी हुई हैं। ट्रैप फ़ोटो कैमरे बढ़ाने के साथ टीमें भी बढ़ाई है। कहा नहीं जा सकता, पैंथर ने अपनी लोकेशन बदल दी हो। –सुनील छिद्री, मुख्य वन संरक्षक, उदयपुर