सलूम्बर विधायक अमृतलाल मीणा की पत्नी शांतादेवी मीणा ने वर्ष २०१५ में सेमारी ग्राम पंचायत से सरपंच पद का चुनाव लड़ा था। चुनाव में राज्य सरकार ने पढ़ाई की अनिवार्यता लागू की थी। आवेदन के साथ शांतिदेवी ने ५वीं की अंकतालिका पेश की थी। शांतिदेवी के विजयी होने के बाद हारी हुई प्रत्याशी सुगना देवी ने मार्कशीट को फर्जी बताते हुए सेमारी थाने में मामला दर्ज करवाया था। मामले की जांच सीआईडी सीबी ने करते हुए आरोप प्रमाणित माना था। मार्कशीट पर अभिभावक के रूप में स्वयं विधायक के हस्ताक्षर पाए गए। आरोप पत्र पेश करने के दौरान ही शांतिदेवी को अग्रिम जमानत मिल गई। मामले में अमृतलाल मीणा पर मदद करने का आरोप लगा दी, उनकी ओर से पूर्व में एडीजे सलूम्बर व हाईकोर्ट में अग्रिम याचिका लगाई थी, जिसे न्यायालय ने खारिज कर की दी।