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उदयपुर

अफीम-शराब या हो बाल तस्करी, पुलिस की भूमिका रहे पारदर्शी

डीजीपी एमएल लाठर ने किया संभाग में अपराध की समीक्षा, कोरोना काल के कारण 2019 से इस साल की हुई तुलना, एक साल से अधिक पुराने मामलों की पेंडेंसी खत्म हो

उदयपुरJul 17, 2021 / 11:51 am

Pankaj

अफीम-शराब या हो बाल तस्करी, पुलिस की भूमिका रहे पारदर्शी

अफीम-शराब या हो बाल तस्करी, पुलिस की भूमिका रहे पारदर्शी

उदयपुर. उदयपुर संभाग की विशेषताओं और पड़ौसी राज्य की स्थितियों को ध्यान में रखते हुए डीजीपी एमएल लाठर ने अपराध की समीक्षा की। यों तो सभी तरह के अपराध से संबंधित आंकड़ों का तुलनात्मक अध्ययन कर चर्चा की गई, लेकिन खास तौर पर उदयपुर संभाग के मुद्दे अफीम-डोडा चूरा-शराब और बाल तस्करी को लेकर विशेष निर्देश दिए गए। उन्होंने साफ तौर पर चेताया कि तस्करी के मामलों में पुलिस की भूमिका पारदर्शी होनी चाहिए। किसी तरह की मिलीभगत सामने आने पर बख्शा नहीं जाएगा।
चित्तौडग़ढ़-प्रतापगढ़ जिले में अफीम और डोडा चूरा तस्करी के मामले हो या उदयपुर में बाल तस्करी, शराब तस्करी के मामले। राजसमंद में बजरी का अवैध परिवहन हो या डूंगरपुर-बांसवाड़ा में मौताणा प्रथा के मामलों की अधिकता। सभी के आंकड़े सामने रख सवाल-जवाब किए गए। एक साल से अधिक पुराने मामलों को पहले निबटाने के लिए जिलेवार, थाने वार जानकारी ली गई। अधिक पेंडेंसी वाले थानाधिकारियों को लताडऩे के साथ ही लक्ष्य के साथ पेंडेंसी खत्म करने के निर्देश दिए गए।
यह रही तुलनात्मक स्थिति
आमतौर पर समीक्षा बैठकों में बीते साल से तुलना की जाती है, लेकिन वर्ष 2020 में कोरोना काल और सख्त लॉकडाउन के कारण स्थिति असामान्य थी। ऐसे में इस साल की पहली छह माही की तुलना वर्ष 2019 की पहली छह माही से की गई। तुलनात्मक स्थिति में पाया गया कि इस साल की छह माही (जनवरी से जून) में अपराध गत वर्ष से अधिक, लेकिन वर्ष 2019 से कम है। इसके आंकड़ों को लेकर राहत महसूस की गई।
इन बिन्दुओं पर भी चर्चा
– महिला सुरक्षा से जुड़े मामलों में बरती जाए गंभीरता।
– एसपी से लेकर बीट कांस्टेबल तक को नसीहत।
– शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार किए जाने की जरुरत।
– शहर से निकले यातायात पुलिसकर्मियों की छोटे कस्बों में लें सेवा।
सामुदायिक पुलिसिंग की पैरवी
पुलिस में नफरी की कमी के साथ ही आमजन में पकड़ को लेकर की गई सामुदायिक पुलिसिंग व्यवस्था को मजबूत करने की जरुरत बताई। इसके लिए सीएलजी सदस्यों के साथ ही ग्राम रक्षक, थानों में महिलाओं के ग्रुप, पुलिस मित्र आदि की सेवाओं के इस्तेमाल को लेकर चर्चा की गई।
डीजीपी ने इन्हें किया सम्मानित
बेहतर सेवाओं को लेकर डीजीपी ने संभाग के 7 पुलिस अधिकारियों को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया। इसमें राजसमंद में एएसपी राजेश भारद्वाज, उदयपुर में एएसपी स्वाति शर्मा, राजसमंद में उपअधीक्षक मनजीतसिंह, उपअधीक्षक चेतना भाटी, राजसमंद में उपनिरीक्षक पेशावर खान, उदयपुर में कांस्टेबल रामजी लाल और डूंगरपुर में कांस्टेबल नवीन चंद को सम्मानित किया।

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