इस रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में वर्ष 2021 के सर्वे की तुलना में सर्वाधिक 19.14 वर्ग किमी वन क्षेत्र का इजाफा सीकर जिले में हुआ है। जबकि बारां जिले में सबसे अधिक 33.29 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का नुकसान हुआ है। बड़े जिलों की बात करें कि उदयुपर, जोधपुर और कोटा में वन क्षेत्र में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जबकि जयपुर और अजमेर जिलों के वन क्षेत्र में कमी आई है।
गैर वन क्षेत्र में बढ़ा वृक्षावरण
रिपोर्ट के मुताबिक पूरे देश में कुल वन एवं वृक्ष आवरण में बढ़ोतरी हुई है। यानी जंगल के बाहर शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में वृक्षों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पिछले कुछ वर्षों में आमजन में पौधरोपण के लिए प्रति जागरूकता आई है। शहरों एवं गांवों में खुली जगह पर वृक्षों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। कुछ जगह निजी स्तर पर सूक्ष्म वन तैयार किए गए हैं। यही वजह है कि राजस्थान में कुल वन एवं वृक्ष आवरण 394 वर्ग किलोमीटर बढ़ा है।
जिस जिले में घटे, कहांं बढ़े जंगल
जिला घटा, बढ़ा वन क्षेत्र 1. अजमेर – 18.34 2. अलवर 16.39 3. बांसवाड़ा 0.39 4. बारां – 33.29 5. बाड़मेर 19.00 6. भरतपुर – 6. 40 7. भीलवाड़ा – 0.04 8. बीकानेर -14.85 9. बूंदी 0.32 10. चित्तौड़गढ़ 1.93 11. चूरू -11.74 12. दौसा – 0.23 13. धौलपुर -8.14
14. डूंगरपुर -5.57 15. हनुमानगढ़ -2.25 16. जयपुर -2.02 17. जैसलमेर 11.46 18. जालौर -11.54 19. झालावाड़ – 4.14 20. झुंझुनू -1.57 21. जोधपुर 2.66 22. करौली -3.69
23. कोटा 2.25 24. नागौर – 4.31 25. पाली – 9.65 26. प्रतापगढ़ – 30.79 27. राजसमंद – 5.97 28. सवाईमाधोपुर -2.91 29 . श्रीगंगानगर 2.85 30. सीकर 19.14
31. सिरोही 0.70 32. टोंक 4.86 33. उदयपुर 12.46
इनका कहना …
आमजन में वृक्षारोपण के प्रति जागरूकता आई है। इसी वजह से कुल वन एवं वृक्षावरण में बढ़ोतरी हुई है। जहां वन घटे हैं, वहां अलग-अलग कारण प्रभावित करते हैं। सरकार की योजना के अनुसार वन क्षेत्र में रहवासियोें को पट्टे भी दिए जा रहे हैं। वे वन भूमि का उपयोग खेती के लिए करते हैं। संभव है सर्वेक्षण में यह क्षेत्र वन क्षेत्र में कम हुआ हो। – मुकेश सैनी, उपवन संरक्षक, उदयपुर